Ranchi : बेंगलुरु से बचाई गई 11 नाबालिग लड़कियों को शुक्रवार को फ्लाइट से रांची लाया गया. सभी लड़कियां 14 से 17 साल की हैं. इन लड़कियों को उनके संबंधित गृह जिलों में भेज दिया गया. वहां उनके पुनर्वास में सहायता करने और मानव तस्करी को रोकने के लिए उनके बारे में एक देखभाल रिपोर्ट तैयार की जाएगी. झारखंड राज्य बाल संरक्षण समिति के कार्यक्रम अधिकारी राजीव रंजन पांडेय ने कहा कि सरकार की पहल के फलस्वरूप मानव तस्करी के शिकार राज्य के असहाय और मासूम बच्चों को छुड़ाने में लगातार सफलता मिल रही है. 11 पहाड़िया नाबालिग लड़कियों को रांची लाया गया है. जिला श्रम अधिकारी अविनाश कृष्णा ने कहा कि जैसे ही सरकार को सूचना मिली, अधिकारियों द्वारा बेंगलुरु के अधिकारियों के साथ संवाद साझा किया गया और उन्हें छुड़ाने का प्लान तैयार किया गया.
सभी लड़कियां साहिबगंज और पाकुड़ की
पीड़ित नाबालिग में 6 लड़कियों की उम्र 14 साल, 4 की उम्र 15 साल और 1 की उम्र 17 साल है. सभी लड़कियां साहिबगंज और पाकुड़ जिले की रहने वाली हैं. 4 लड़कियां साहिबगंज जिले की हैं. अधिकारियों के अनुसार, बेंगलुरु में लगभग 25 महिलाओं को देखा गया है, जिनमें से 11 नाबालिग थीं. इसलिए पहले उन्हें बचा लिया गया. राज्य सरकार द्वारा स्थापित एंटी-ह्यूमन-ट्रैफिकिंग यूनिट बच्चों और मानव तस्करों के बचाव के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. तस्करी की गई महिलाओं के मामलों की जांच आपराधिक जांच विभाग द्वारा की जा रही है और जल्द ही अपराधी की पहचान कर ली जाएगी.
नौकरी देने का लालच दिया गया था
मौके पर मौजूद नाबालिग लड़कियों ने कहा कि उन्हें नौकरी देने का लालच दिया गया था. इसलिए वह बाहर जाने को तैयार हो गई थी. एक पीड़िता ने कहा – हम निम्न आय वाले परिवार से हैं और हमें आश्वासन दिया गया था कि नौकरी दी जाएगी. वहां जाकर पता चला कि हम मानव तस्करी के शिकार हो गये हैं.
इसे भी पढ़ें – उम्र कैद काट रहे पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह का रिम्स में लग रहा जनता दरबार