- पांचों प्रमंडल में भी अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के लिए खुलेंगे 6 नये आवासीय विद्यालय
- आवासीय विद्यालयों के लिए 20 करोड़ भवन निर्माण विभाग को जारी
- चाईबासा और दुमका में बनने वाले आवासीय विद्यालयों पर खर्च होंगे 195 करोड़ रुपए
Ranchi : झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार आवासीय विद्यालय वृहत योजना पर काम कर रही है. इस शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले 80 नए उत्कृष्ट विद्यालय (स्कूल ऑफ एक्सीलेंसी) में से 20 को राज्य सरकार आवासीय विद्यालय बनाएगी. इसी साल सरकार ने राज्य के पांचों प्रमंडलों में भी पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय बनाने का फैसला किया है. प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर राज्य में तीन आवासीय विद्यालय चाईबासा, दुमका और बोकारो में खोले जाएंगे. 2023-24 के बजट में हेमंत सरकार ने इसकी घोषणा की थी. इसमें से चाईबासा और दुमका में विद्यालय खोले जाने की स्वीकृति मिल चुकी है. इस पर कुल 195 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. सरकार की तैयारी इन आवासीय विद्यालयों में बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाई करना है.
पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय
कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2023 में पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे. पिछड़ा वर्ग के लिए एक-एक प्लस-टू आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे. विभाग स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही है. आवासीय विद्यालय राज्य के सभी 5 प्रमंडलों (उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर पलामू, कोल्हान और संथाल) में बनेंगे. इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपए भवन निर्माण निगम लिमिटेड को जारी किया गया है. इसी साल अल्पसंख्यकों के लिए पांचों प्रमंडलों में कुल 6 नये आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे.
10 करोड़ में नेतरहाट आवासीय विद्यालय का सौंदर्यीकरण
10 करोड़ रुपए खर्च कर नेतरहाट आवासीय विद्यालय का सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा था कि विद्यालय का अपना गौरव है. जरूरत है बस थोड़ा आकार देने की, ताकि विश्व पटल पर इस विद्यालय को पहचान दिलाई जा सके.
80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में से 20 को बदला जाएगा आवासीय विद्यालय में
इसी शैक्षणिक सत्र में राज्य सरकार 80 सरकारी विद्यालय को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर खोलने जा रही है. इन विद्यालय में से 20 को आवासीय विद्यालय में बदला जाएगा. पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति मिल चुकी है. जिन जगहों पर विद्यालय खोले जाएंगे, उनमें दुमका के मसलिया, गुमला के भरनो, हजारीबाग के चौपारण और बरकट्ठा, गिरिडीह के धनवार, बेंगाबाद, गिरिडीह, तिसरी, गांडेय, देवरी और डुमरी, पाकुड़, पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया और घाटशिला, खूंटी के खूंटी ब्लॉक, रांची के कांके, अनगड़ा, बुढ़मू, सरायकेला के खरसावां और पश्चिम सिंहभूम के तांतनगर में बनने वाले स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं.
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