- संगठन सशक्तिकरण अभियान के तहत जिला स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों का हुआ संवाद कार्यक्रम.
- झारखंड कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में प्रस्ताव पास, अनुशासन और पार्टी के तीनों वर्गों के बीच संवादहीनता को दूर करने पर रहे जोर
- प्रदेश नेतृत्व को चुनौती देना मतलब सोनिया गांधी-राहुल गांधी के फैसले पर सवाल करने जैसा.
Ranchi : प्रखंड स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए झारखंड कांग्रेस ‘संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन कर रही है. प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के निर्देश पर सोमवार को सभी जिलों में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी क्रम में रांची महानगर अध्यक्ष संजय पांडेय के नेतृत्व में ‘संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन पुराने विधानसभा परिसर में हुआ. कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की समेत प्रदेश और महानगर स्तर के कार्यकर्ता मौजूद थे. कार्यक्रम में प्रस्ताव पास हुआ है कि पार्टी के सभी मंत्री और विधायकों को अपनी बातों को उचित प्लेटफॉर्म पर रखनी चाहिए न कि मीडिया में बयानबाजी होनी चाहिए. पार्टी में अनुशासन से समझौता नहीं होना चाहिए.
महानगर अध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि आज देश में महंगाई, धर्मनिरपेक्षता एक ज्वलंत मुद्दा है. इसके बावजूद कांग्रेस जनता का विश्वास नहीं जीत पा रही है. इसी को देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संवाद कार्यक्रम के द्वारा यह मंथन करने का निर्देश दिया था. मंथन में इस बात पर फैसला हुआ है कि पार्टी को खून पसीने से सींच कर खड़ा करने वाले 70 से 80 साल से ऊपर के लोग, महानगर और जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता और एनएसयूआई और युवा कांग्रेस की टीम हैं. सभी से संवाद कार्यक्रम करना है. जब तीनों वर्गों के बीच संवादहीनता दूर होगी, तभी कांग्रेस मजबूत होगी.
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प्रदेश अध्य़क्ष राजेश ठाकुर ने कहा, पिछले दिनों कांग्रेस के जनजागरण अभियान से पार्टी की मजबूती पर काम हुआ है. प्रभारी अविनाश पांडेय के निर्देश पर कार्यकर्ताओं की बातों को सुनने और सरकार की योजनाओं का लाभ संगठन के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए यह संवाद कार्यक्रम आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा, संवाद कार्यक्रम की मजबूती से कांग्रेस मजबूत होगी और जब पार्टी मजबूत होगी तो गठबंधन सरकार भी मजबूत होगी. अंतिम पद पर बैठा कार्यकर्ता अगर नाराज है, तो उसकी नाराजगी भी दूर की जानी चाहिए.
बंधु तिर्की ने कहा, संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संगठन सशक्तिकरण अभियान को बेहतर तरीके से चलाना है. जब तक हम लोगों को बीच में नहीं जाएंगे, तब तक हम सरकार की योजनाओं को कैसे पहुंचा पाएंगे. ऐसे कदमों से हमें जनता से जुड़ने का मौका मिलेगा. इससे संगठन की मजबूती पर भी बल मिलेगा. इसी कार्य से कांग्रेस 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी.