Dhanbad : झारखण्ड रिसोर्स शिक्षक-थेरेपिस्ट संघ ने विगत 7 वर्षों से लंबित मांगों को लेकर सत्याग्रह आंदोलन के तहत मंगलवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर मौन धरना दिया था. बुधवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर स्वच्छता अभियान चलाया गया, जबकि तीसरे दिन यानी 2 दिसंबर को रणधीर वर्मा चौक पर बूट पॉलिश किया. आंदोलन में राज्य भर के दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास कार्य में लगे रिसोर्स शिक्षकों और थेरेपिस्टों ने हिस्सा लिया. राज्य सरकार उनकी न तो कुछ सुनती है और न ही कुछ बोलती है. सभी के हाथ में तख्तियां थी, जिस पर दिव्यांगों को सम्मान चाहिए, हमें भी वेतनमान चाहिए , समावेशी शिक्षा सफल प्रयास, पेट है भूखी लव पर प्यास मेहनत करते हैं हम पूरी, हमें चाहिए उचित मज़दूरी, “दिव्यांग नियमित दरकार, हमें चाहिए पूरा अधिकार, दिल में अब ईमान भरो, हमारा वेतनमान करो, जैसे नारे लिखे हुए थे. फिजियो थेरेपिस्ट डॉ मनोज कुमार ने कहा कि मानदेय में वृद्धि, पी एफ़ कटौती, चिकित्सा व समूह बीमा, ई एल की सुविधा, अनुकम्पा राशि और सेवा नियमितीकरण की मांगों को लेकर संघ विगत 7 वर्षों से संघर्षरत है, लेकिन सरकार मांगों को पूरा नहीं कर रही है. जिस कारण बच्चों को कलम पकड़ना सिखाने वालों को आज आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है. कार्यकारी अध्यक्ष अख़लाक़ अहमद ने कहा कि इसी परियोजना में कार्यरत अन्य कर्मियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ गया है, जबकि समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट का मानदेय यथावत रखना समझ से परे की बात है. संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो ने कहा कि तीन दिवसीय आंदोलन में पहले दिन मौन धरना, दूसरे दिन शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर स्वच्छता अभियान, तीसरे और आखिरी दिन राहगीरों का जूता पॉलिश कर सरकार तक अपने हक की आवाज पहुंचाने की कोशिश की गई. बोकारो के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ सचिन कुमार ने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हमलोग रांची में अनिश्चित काल के लिए धरना पर बैठेंगे.
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