LagatarDesk : खुदरा महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा हुआ है. मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 5.52 फीसदी रही. वहीं फरवरी महीने में यह 5.03 फीसदी थी. एक महीने में खुदरा महंगाई दर में 0.49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जनवरी माह में खुदरा महंगाई दर 4.06 फीसदी था. खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है.
मार्च में फूड इंफ्लेशन 4.94 फीसदी रहा
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में फूड इंफ्लेशन में अधिक इजाफा हुआ है. मार्च 2021 में फूड इंफ्लेशन 4.94 फीसदी रहा. इससे पहले फरवरी महीने में फूड इंफ्लेशन 3.87 फीसदी थी. फ्यूल और लाइट इंफ्लेशन में भी उछाल आया है. मार्च महीने में यह 4.50 फीसदी रहा. वहीं फरवरी में यह 3.53 फीसदी रहा था.
लगातार चौथी बार रिटेल इंफ्लेशन 4 फीसदी के दायरे में
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी से मार्च तिमाही में खुदरा महंगाई का अनुमान 5 फीसदी व्यक्त किया था. साथ ही बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों के लिए 5.2 फीसदी का अनुमान था. यह लगातार चौथा महीना है जब रिटेल इंफ्लेशन रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के दायरे में है.
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किन सेक्टर में वृद्धि और गिरावट
फरवरी 2021 में इंडस्ट्रिल प्रोडक्शन इंडेक्स में पिछले साल के मुकाबले 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. इसमें माइनिंग सेक्टर में 5.5 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.7 फीसदी, प्राइमरी गुड्स सेक्टर में 5.1 फीसदी की गिरावट आयी है. साथ ही कैपिटल गुड्स में 4.2 फीसदी, इंटरमीडिएट गुड्स में 5.6 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 4.7 फीसदी और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल सेक्टर में 3.8 फीसदी की गिरावट आयी है. हालांकि कंज्यूमर ड्यूरेबल में 6.3 फीसदी और इलेक्ट्रिस्टी कंजप्शन में 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई है.
पांच सालों के लिए रिटेल इंफ्लेशन 4 फीसदी
रिजर्व बैंक ने अगले पांच सालों के लिए रिटेल इंफ्लेशन को 4 फीसदी के दायरे में रखने का फैसला किया है. रिजर्व बैंक रिटेल इंफ्लेशन के आधार पर ही मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करता है.