Ranchi : एनआइए जांच में खुलासा हुआ है कि बंगाल के रास्ते झारखंड में जाली नोट लाया जा रहा है. ये नोट पहले बांग्लादेश से बंगाल में लाया जाता है. फिर बंगाल के रास्ते झारखंड में जाली नोट लाये जाते हैं. एनआइए की विशेष अदालत ने शनिवार (28 अगस्त) को जाली नोट का धंधा करने वाले एक आरोपी को सात साल कैद की सजा सुनाई है. सात ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला कोलकाता एनआइए की विशेष अदालत ने सुनाया है. बांग्लादेश के रहीम शेख को कोर्ट ने दोषी पाया है. इससे पहले एनआईए ने 12 जनवरी को झारखंड के रहने वाले मिजान शेख को दोषी ठहराया था.
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जाली नोट के मामले में आपराधिक साजिश रची थी
एनआइए जांच के दौरान यह पता चला कि दोनों आरोपियों ने जाली नोट को असली नोट के रूप में उपयोग करने के इरादे से खरीदने और प्रसारित करने के लिए साजिश रची थी. अवैध लाभ के लिए उन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था और नकली नोट के प्रचलन में शामिल हो गए थे. वे अपने बांग्लादेशी सहयोगियों के साथ निकट संपर्क में थे और झारखंड में अपने संपर्कों के माध्यम से उनसे नकली नोट प्राप्त कर रहे थे.
मुर्शिदाबदा जिले से हुआ था गिरफ्तार
30 अगस्त 2018 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना इलाके से 8 लाख के जाली नोटों के साथ
रहीम शेख और मिजान शेख को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में रहीम बांग्लादेश और मिजान झारखंड का रहने वाला था. इनके पास से 8 लाख 3 हजार के जाली नोट बरामद किए गए थे. जिसमें 379 नोट 2000 के और 90 नोट 500 रुपए के थे. इस मामले को एनआईए ने साल 2018 में टेकओवर करते हुए आरसी-27/2018 मामला दर्ज किया था और विदेशी अधिनियम की 14 धाराएं लगायीं थी.
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