New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्कूली बच्चों को प्रौद्योगिकी के अत्यधिक संपर्क से बचने के लिए आनलाइन और ऑफलाइन सीखने की हाइब्रिड प्रणाली विकसित करने की वकालत की. पीएम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. मोदी ने कहा कि नई नीति पहुंच, समानता, समावेशिता और गुणवत्ता के उद्देश्यों के साथ शुरू की जा रही है. मोदी ने जोर देते हुए कहा कि हमें स्कूल जाने वाले बच्चों में प्रौद्योगिकी के अधिक जोखिम को देखते हुए शिक्षा के हाई ब्रिड मॉडल को अपनाने पर जोर देना होगा.
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जोर देना होगा
मोदी ने कहा कि नई शिक्षा पॉलिसी को लागू हुए 2 साल हो गए हैं. ऐसे में इस नीति के तहत इक्विटी, समावेशिता और गुणवत्ता के लक्ष्य तक पहुंचने के प्रयास करने होंगे. उच्च शिक्षा संस्थानों को पूर्ण ऑनलाइन पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति देने और ऑनलाइन सामग्री की अनुमेय सीमा को 40% तक बढ़ाने के साथ-साथ इन संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जोर देना होगा.
स्कूली बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास
इस दौरान पीएम ने सुझाव दिया कि विज्ञान की प्रयोगशालाओं वाले माध्यमिक विद्यालयों को मिट्टी परीक्षण के लिए अपने क्षेत्र के किसानों के साथ जुड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. इसमें उच्च शिक्षा में कई प्रविष्टियों और निकासों की शुरूआत तक कई परिवर्तनकारी सुधार शुरू किए गए हैं, जो देश की प्रगति को परिभाषित करेंगे.
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स्वदेशी रूप से विकसित खिलौनों के उपयोग पर जोर
मोदी ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा बनाए गए डाटाबेस को स्कूल के रिकार्ड के साथ समेकित रूप से एकीकृत किया जाना चाहिए, क्योंकि बच्चे आंगनवाड़ी से वहां जाते हैं. छात्रों में वैचारिक कौशल विकसित करने के लिए उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित खिलौनों के उपयोग पर जोर दिया.
शुरू किए गए कई परिवर्तनकारी सुधार
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विज्ञान प्रयोगशालाओं वाले माध्यमिक विद्यालयों को मिट्टी परीक्षण के लिए अपने क्षेत्र में किसानों के साथ जुड़ना चाहिए. नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल न जाने वाले बच्चों का पता लगाने और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के विशेष प्रयासों और उच्च शिक्षा में बहुप्रवेश और निकास की शुरुआत से कई परिवर्तनकारी सुधार शुरू किए गए हैं.
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने का कार्य प्रगति पर
मोदी को अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय संचालन समिति के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने का कार्य प्रगति पर है. बयान में कहा गया कि स्कूली शिक्षा में बाल वाटिका में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने, निपुण भारत, विद्या प्रवेश, परीक्षा सुधार और कला- एकीकृत शिक्षा, खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र जैसे अभिनव किए गए हैं जिनसे बच्चों का समग्र विकास होने के साथ वे बेहतर तरीके से सीख भी सकेंगे.
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