Prayagraj : खबर है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. बता दें कि वाराणसी के जिला जज ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने और वैज्ञानिक पद्धति से समय निर्धारण की मांग खारिज कर दी थी. कार्बन डेटिंग एक विधि है जिसके जरिये इस बात की जांच की जाती है कि कोई चीज कितनी पुरानी है.
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इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लक्ष्मी देवी और अन्य द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए दूसरे पक्षों इंतेजामिया मस्जिद कमेटी आदि को नोटिस जारी किये. जान लें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के काल निर्धारण के लिए कार्बन डेटिंग का निर्देश जारी करने की मांग के साथ एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. जिसमें जीपीआर सर्वे की भी मांग की गयी थी. हालांकि, जिला जज ने 14 अक्टूबर को पारित आदेश में इस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है.
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श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए टाल दी
इस बीच खबर आयी है कि अदालत ने श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की पूजा की अनुमति के लिए पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए टाल दी. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने वाराणसी की अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें इस वाद की पोषणीयता पर उसकी आपत्ति खारिज कर दी गयी थी. न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने संबंधित पक्षों के संयुक्त अनुरोध पर इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 22 नवंबर, 2022 तय की है.