Patna : बिहार की सियासत गलियारों में हलचल मची हुई है. शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद महागठबंधन में तकरार की अटकलें तेज होने लगी हैं. जहां एक तरफ RJD शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बयान पर समर्थन कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड ने मांग की है कि मंत्री अपने बयान को लेकर माफी मांगे. इसी क्रम में सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने एक बैठक बुलाई थी. बैठक में आरजेडी कोटे के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव को नहीं बुलाया गया. जिसके बाद से संभावना जतायी जा रही है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है.
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बैठक धान खरीद को लेकर बुलाई गई थी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक धान खरीद को लेकर बुलाई गई थी. बैठक में नीतीश कुमार ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव बंदना प्रेयसी को धान खरीद को लेकर जरूरी दिशानिर्देश दिये और कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवन को किसानों के लिए सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के दिशा निर्देश दिया.आमतौर पर नीतीश कुमार की समीक्षा बैठकों में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद रहते थे, लेकिन सोमवार को बुलाई गई इस बैठक से वो नदारद रहे. जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियों में चर्चा का बाजार गर्म है कि आरजेडी के मंत्रियों को नहीं बुलाना नीतीश कुमार की सोची समझी रणनीति है.
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रामचरितमानस समाज को नफरत में बांटते हैं
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं. यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं.ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी. देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी.”
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