– स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रक्त संबंधित संकल्प को लेकर विरोधाभास
– इससे पहले 350 का करना होता था भुगतान, अब देने होंगे 1050 रुपये
– रक्तदान शिविर का आयोजन कराने वाले संस्थाओं ने खड़े किये सवाल
– गरीबी की परिभाषा को समझाए सरकार और स्वास्थ्य विभाग
Ranchi: स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा रक्त संबंधित संकल्प पत्र जारी करने के बाद रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाले एनजीओ और विभाग आमने-सामने आ गए हैं. एक ओर रक्तदान का आयोजन कराने वाले एनजीओ और सामाजिक संगठन के लोगों ने सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जताई है. कनेक्टिंग होप्स के रंजन कुमार ने कहा कि जिनका इलाज निजी अस्पताल में हो रहा है उन्हें आयुष्मान कार्ड योजना से तो खून मिल जाएगा, लेकिन जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और वे निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं तो उन्हें सरकारी ब्लड बैंक से खून लेने के लिए अस्पताल से लिखवा कर देना होगा. यदि अस्पताल लिखकर नहीं देता है तो मरीज के परिजन को खून के लिए 1050 रुपए चुकाने पड़ेंगे.
हालांकि रिम्स के द्वारा जारी पत्र में नॉन गर्वमेंट अस्पताल के लिए 1050 रूपये लेने का जिक्र किया गया है. इसमें बीमा से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में मरीजों में संशय की स्थिति है. जिस कारण बीमित और बिना बीमा सभी मरीजों से पैसे लिए जा रहे हैं. क्योंकि अबतक कोई अस्पताल बीमित होने या नहीं होने की जानकारी नहीं दे रहा है.
सरकार के निर्णय से प्राइवेट अस्पतालों को मिलेगा बढ़ावा
शहर में रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अतुल गेरा ने कहा कि सरकार के नजर में वहीं व्यक्ति गरीब है जिनकी आय 72,000 से कम है. लेकिन जो लोग 10 से 15 हजार रुपए प्रति महीना कमाते हैं तो क्या वह व्यक्ति गरीब नहीं है? उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में लिखा गया है कि यदि कोई मरीज आयुष्मान या इंश्योरेंस पॉलिसी का धारक नहीं है तो फ्री में खून लेने के लिए अस्पताल से लिखवा कर ले जाना होगा. लेकिन समाज के लाखों लोग ऐसे हैं जो बीपीएल नहीं है लेकिन वो फिर भी गरीब है. ऐसे परिस्थिति में उन्हें पैसे का भुगतान करके सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड लेना पड़ेगा.
रिम्स ब्लड बैंक से खून लेने के लिए चुकाने होंगे प्रोसेसिंग फी, जारी किया गया पत्र
वहीं रिम्स ब्लड बैंक के द्वारा रिम्स निदेशक को एक पत्र लिखा गया है कि स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्रांक 37 (4) के आदेश अनुसार, निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ब्लड एवं ब्लड कंपोनेंट के लिए प्रोसेसिंग फीस चुकाने होंगे. होल ब्लड के लिए 1050 प्रति यूनिट, पैक्ड रेड सेल्स के लिए 1050 प्रति यूनिट, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा के लिए 300 प्रति यूनिट, प्लेटलेट कंसंट्रेट 300 प्रति यूनिट और क्रायोप्रेसीपिटेट (cryoprecipitate) के लिए 200 रुपए प्रति यूनिट देना होगा.
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