Ranchi : रिम्स के अराजपत्रित कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के दूसरे चरण में मंगलवार को निदेशक कार्यालय के समक्ष मौन प्रदर्शन किया. ये लोग ईपीएफ की डबल कटौती का विरोध कर रहे थे. गौरतलब है कि रिम्स के अराजपत्रित कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से आंदोलनरत हैं. गत 18 जून से काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे थे. इसके बाद मंगलवार को मौन प्रदर्शन किया. अब 23 जून को कलमबंद हड़ताल करेंगे. 25 जून को प्रशासनिक भवन में तालाबंदी की जायेगी. फिर भी मांगें नहीं मानी गयी तो 27 जून को 3 घंटे के लिए पहली पाली की ओपीडी सेवा ठप रखेंगे.
अराजपत्रित कर्मचारी संघ की क्या है मांगें
रिम्स अराजपत्रित कर्मचारी संघ की अध्यक्ष आईवी रानी खलखो ने कहा कि ईपीएफ की डबल कटौती का विरोध के साथ ही 10 सालों से दैनिक वेतनमान और अनुबंध पर काम कर रहे कर्मियों को समायोजित करने की मांग की जा रही है. रिम्स के अराजपत्रित कर्मचारियों का कहना है कि मंत्री के आदेश के बाद भी अवैध रूप से ईपीएफ की डबल कटौती हो रही है. मंत्री के कहने पर भी अब तक ईसीआर रिपोर्ट नहीं जमा की गयी है.
अधीक्षक कार्यालय से निकाला गया मार्च
बता दें कि अंतराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने तत्काल प्रभाव से ईपीएफ की डबल कटौती पर रोक लगाने का आदेश दिया था. मंगलवार को सभी कर्मियों ने एकजुटता दिखाते हुए अधीक्षक कार्यालय के समक्ष जमा हुए. उसके बाद पैदल मार्च कर निदेशक कार्यालय के सामने मौन प्रदर्शन किया. इस दौरान अराजपत्रित कर्मियों ने कामकाज ठप रखा.
स्थायी कर्मियों का भी कट रहा है ईपीएफ
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने बताया कि रिम्स में सैकड़ों कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका ईपीएफ कट रहा है और वे स्थायी हैं. कर्मियों ने बताया कि ईपीएफ कटने को अवैध इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि उनका पहले से न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) योजना के तहत पैसा कट रहा है. एक साथ दोनों नहीं कट सकता. उन्होंने बताया कि करीब चार साल से अवैध ढंग से रिम्स के कर्मियों का ईपीएफ कट रहा है. बार- बार अनुरोध करने और पत्राचार के बाद भी कटौती पर रोक नहीं लग रही है.
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