Ranchi: प्रदेश में अब सड़कें बनाने के लिए नयी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा. इससे पहले की अपेक्षा कम समय और कम लागत में अधिक टिकाऊ सड़कें बनेंगी. नयी तकनीक से बनने वाली सड़क 20 साल तक दुरुस्त रहेंगी. वहीं पुरानी तकनीक से बनने वाले रोड पांच साल में ही खस्ताहाल हो जाते हैं. नयी तकनीक से बनने वाले रोड की लागत में भी कमी आने की संभावना है. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इस ओर विशेष पहल की जा रही है. विभाग की ओर कहा गया है कि चालू वित्तीय वर्ष में प्रमंडलवार 2-2 सड़कों का निर्माण नयी तकनीक से ही होगा. इसके लिए बीआईटी मेसरा और आईआईटी धनबाद के प्रतिनिधि,विभागीय अधिकारी व संवेदकों की एक कार्यशाला भी सितंबर में होगी. इसकी जिम्मेवारी विभाग के मुख्य अभियंताओं को दी गयी है.
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अभी तक ऐसे हो रहा सड़क का निर्माण
अभी तक सड़कें बनाने के लिए एजेंसियां पुरानी सड़क पर नये सिरे से एक के बाद एक परत बिछाते हुए अंतिम सरफेस तैयार कर रोड बनाती हैं. सड़क के खस्ताहाल होने पर हर बार यही प्रक्रिया अपनायी जाती है. इस तरह सड़क बनाने में काफी समय लगता है. पत्थर मिट्टी, बालू और मैटेरियल की बार-बार परत बिछाए जाने से समय भी लगता है और लागत भी बढ़ती है. वहीं सड़क भी ऊंची हो जाती है, जिससे कई तरह की परेशानी होती है. जलजमाव से लेकर केबुल, जलापूर्ति लाइन क्षति होने की आशंका रहती है.
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अब ऐसे बनेगी सड़क
अब सबसे पहले पुरानी सड़क की परत हटायी जायेगी. फिर उस मैटेरियल को चलित प्लांट में डालकर नये मैटेरियल के साथ मिक्स किया जायेगा. साथ ही इसकी तैयार लेयर को सड़क पर बिछा दिया जायेगा. यानि एक मशीन सड़क की पुरानी परत हटाती हुई चलेगी और इसके पीछे दूसरी मशीन नये मैटेरियल को सड़क पर डालेगी. फिर पीछे चल रही तीसरी मशीन इसी सड़क पर नये लेयर को बिछाते हुए सड़क का निर्माण करेगी.
नयी तकनीकी के इस्तेमाल से क्या होगा लाभ
- सड़क बनाने में समय कम लगेगा
- सड़क बनाने में खर्च कम आयेगा
- सड़क अपेक्षाकृत लंबे समय तक टिकाऊ रहेगी
- सड़क की ऊंचाई नहीं बढ़ेगी
- यह तकनीक पर्यावरण के हिसाब से भी अनुकूल रहेगी और कम प्रदूषण भी कम होगा