NewDelhi : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध साप्ताहिक पत्रिका आर्गेनाइजर( The Organiser) ने अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन पर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में ईसाई धर्मांतरण तंत्र का वित्त पोषण करने और संदिग्ध धन शोधन में शामिल होने का आरोप लगाया है. आर्गेनाइजर के ताजा अंक के मुख्य आलेख में कहा गया है कि, ई कामर्स कंपनी अमेजन अमेरिकी बैपटिस्ट चर्च (एबीएम) संचालित ईसाई धर्मांतरण तंत्र का वित्त पोषण कर रही है.
इसे भी पढ़ें : दिग्विजय सिंह का आरएसएस और भाजपा पर हल्ला बोल, कहा, जल्द ही पीएम मोदी भी टोपी पहनना शुरू कर देंगे
अमेजिंग क्रास कनेक्शन शीर्षक से लिखा गया आलेख
लिखा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और एबीएम द्वारा भारत में मिशनरी धर्मांतरण मिशन के वित्त पोषण के लिये धन शोधन गिरोह चलाने की भी संभावना है. बता दें कि अमेजिंग क्रास कनेक्शन शीर्षक से लिखे गये आलेख में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश के सामाजिक न्याय मंच ने आरोप लगाया है कि अमेजन द्वारा अपने फाउंडेशन आमेजन स्माइल के माध्यम से एबीएम के शीर्ष संगठन आल इंडिया मिशन (एआईएम) का लगातार वित्त पोषण किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : ED ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट, 51 सांसदों और 71 विधायकों पर मनी लॉन्ड्रिंग केस, मनीष सिसोदिया का भी नाम
कंपनी ने सरकारी नीतियों अपने अनुरूप करवाने के लिए करोड़ों की रिश्वत दी
इसमें कहा गया है कि अमेजन, आल इंडिया मिशन के धर्मांतरण कार्यों का वित्त पोषण प्रत्येक भारतीय द्वारा उसकी खरीद पर धन दान करके किया जा रहा है. पत्रिका ने आरोप लगाया कि एआईएम ने खुले तौर पर अपनी वेबसाइट पर यह दावा किया है कि उसने भारत के पूर्वोत्तर भाग में 25 हजार लोगों को ईसाई के रूप में धर्मातरण कराया. पत्रिका के हिन्दी संस्करण पांचजन्य ने पिछले वर्ष अक्टूबर में आरोप लगाया था कि कंपनी ने सरकारी नीतियों अपने अनुरूप करवाने के लिये करोड़ों रूपये की रिश्वत दी थी.
अमेजन ने आरोप को सिरे से नकारा
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेजन ने इन गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेजन इंडिया का अखिल भारतीय मिशन या उसके सहयोगियों के साथ कोई संबंध नहीं है और न ही अमेजनस्माइल प्रोग्राम अमेजन इंडिया मार्केटप्लेस पर संचालित होता है.
एनसीपीसीआर ने लिया था संज्ञान: द ऑर्गनाइजर
The Organiser का यह भी दावा है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सितंबर में पत्रिका की एक पूर्व रिपोर्ट के बाद इस मुद्दे का संज्ञान लिया है. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आयोग को सितंबर में अरुणाचल प्रदेश से अनाथालयों के माध्यम से अवैध रूप से किये जा रहे धर्मांतरण और कथित तौर पर अमेजन द्वारा वित्त पोषित होने की शिकायत मिली थी. हमने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और सितंबर में अमेजन को नोटिस भेजा. लेकिन अमेजन ने कोई जवाब नहीं दिया. फिर अक्तूबर में भी एमेजॉन को समन जारी किया गया. साथ ही एक नवंबर को कमीशन ऑफिस में एमेजॉन इंडिया के तीन अधिकारियों से मुलाकात की गयी.