LagatarDesk : रुपया पाताल की ओर चल दिया है. डॉलर के मुकाबले यह लगातार गिरता जा रहा है. जिसके बाद रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आज भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.73 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. रुपया 14 पैसे की कमजोरी के साथ 77.69 के स्तर पर खुला है. वहीं शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की कमजोरी के साथ 77.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. (पढ़े, 8.62 फीसदी के भारी डिस्काउंट के साथ LIC IPO की लिस्टिंग, निवेशक हुए मायूस)
5 दिनों में रुपया इतना हुआ कमजोर
बता दें कि पिछले 5 दिनों में रुपया 3 बार गिरावट देखने को मिली. हालांकि दो दिन इसमें मजबूती आयी थी. शुक्रवार (13 मई) को डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की कमजोरी के साथ 77.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं गुरुवार (12 मई) को डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे की कमजोरी के साथ 77.42 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. 11 मई को रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 77.24 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं 10 मई रुपया डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की मजबूती के साथ 77.33 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 55 पैसे की कमजोरी के साथ 77.46 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था.
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डिमांड, सप्लाई, आयात और निर्यात का रुपया पर असर
बता दें कि रुपये की कीमत इसकी डॉलर के तुलना में डिमांड और सप्लाई से तय होती है. वहीं देश के आयात एवं निर्यात का भी इस पर असर पड़ता है. हर देश अपने विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है. जिससे वह देश में आयात होने वाले सामानों का भुगतान करता है.
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डॉलर महंगा होने से चीजों के लिए चुकानी पड़ती ज्यादा कीमत
मालूम हो कि देश में अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी क्रूड ऑयल का आयात करना पड़ता है. इसमें भारत को काफी ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ता है. इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बनता है. जिसका असर रुपये की कीमत पर पड़ता है. अगर डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. वहीं अगर डॉलर सस्ता हो तो थोड़ी राहत मिल जाती है.
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