Ranchi : राज्य में करीब 80 लाख रुपये खर्च कर प्रति किलो मीटर सड़कों का निर्माण किया जाता है. लेकिन राज्य संपोषित योजना से निर्मित सड़कें साल भर के भीतर ही जर्जर हो जा रही हैं .राज्य के 1220 ऐसे ग्रामीण पथ हैं, जो डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में आते हैं. जिसे ठीक करने के लिए ठेकेदारों को तीन माह का समय दिया गया है. इस अवधि के अंदर संवेदकों द्वारा सभी खराब सड़कों को दुरूस्त करनी होगी. संवेदकों की सिक्योरिटी डिपोजिट की राशि विमुक्त नहीं दिया जायेगा. साथ ही उन्हें डिबार भी किया जायेगा. बता दें कि सड़कों की जर्जर होने की शिकायत के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने 15 नवंबर तक मेंटेनेंस की समय सीमा निर्धारित की है. इस समय तक 1220 सड़कों को ठेकेदार मरम्मत करेंगे.
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ग्रामीण इलाकों का हाल और भी खराब
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनी कई सड़कें साल भर के भीतर ही गड्ढ़े में तब्दील हो गयी हैं. सड़कों पर गड्ढे होने व टूटने के बावजूद ठेकेदारों को पेमेंट कर दिया जा रहा है. वैसी सड़कों को लेकर विभाग ने तेवर सख्त कर लिए हैं. अब वैसे ठेकेदारों की खैर नहीं, विभाग की ओर से वैसे ठेकेदारों को विभाग डिबार करने की तैयारी में है. राज्य संपोषित योजना से बनी सड़कों की सूची विभाग ने तैयार कर ली है. इसके तहत 1220 सड़कों को चिहिृत किया गया है. जो डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में आते हैं.
3 साल के भीतर बनी सड़कों की मरम्मत का काम 15 नवंबर तक करना है
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से कहा गया है कि वैसी सड़कें जो तीन साल के भीतर बनी हैं और जर्जर हो गयी है. उनकी मरम्मत संवेदक के द्वारा 15 नवंबर तक लेना है. इसकी जवाबदेही कार्यपालक अभियंता को दिया गया है.
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तीन साल से पूर्व नहीं होगी सिक्योरिटी मनी रिलीज
कार्यपालक अभियंता को सुनिश्चित करने को कहा गया है बिना जर्जर सड़कों की मरम्मत किये संवेदक की Security Deposit की राशि रिलीज नहीं की जायेगी. जो ठेकेदार डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में सड़क मरम्मत कार्य पूरा नहीं करेंगे. वैसे संवेदकों को ग्रामीण विकास विभाग डिबार करने की कार्रवाई करेगा. साथ ही विभाग के निर्देश का पालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई विभाग की ओर से शुरू की जायेगी.
ग्रामीण कार्य सचिव ने दी हिदायत
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने सभी इंजीनियरों-ठेकेदारों को कड़ी हिदायत देते हुए निर्देश दिया है कि राज्य स्थापना दिवस तक हर हाल में सभी जर्जर सड़क को दुरूस्त कर दिया जाये. सभी कार्यपालक अभियंताओं को इस काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में यह काम करना था
क्षतिग्रस्त सड़क पर बने बंपर्स पर से मिट्टी हटाकर उसकी मरम्मती, सड़कों पर पेच रिपेयर व सीलकोट कार्य, सड़कों पर क्षतिग्रस्त पेनल का पुन निर्माण और जोएन्ट्स में सीलेन्ट भरने का कार्य, तीन साल तक सड़कों की मरम्मत का कार्य करना था.
क्या है डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड
राज्य संपोषित योजना से एक किलोमीटर सड़क बनाने में 80 लाख रुपए खर्च होते हैं. टेंडरों में प्रतिस्पर्धा के कारण ठेकेदार कम रेट पर वर्कऑर्डर ले लेते हैं. लेकिन फील्ड में घटिया काम करते हैं. इससे सड़कें टूट जाती हैं और दुर्घटनाएं होती हैं. सड़कों की क्वालिटी सुधारने के लिए लिए तीन साल तक डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड तय किया गया है, ताकि घटिया सड़कों की मरम्मत भी ठेकेदार को ही करनी पड़े.
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