London : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के ख़िलाफ़ पाबंदियों की घोषणा की है. ब्रिटेन का ये क़दम रूस के उस फ़ैसले के बाद आया है, जिसमें रूस ने यूक्रेन के अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दो इलाक़ों को मान्यता दे दी है. साथ ही रूस ने वहां सैनिक भेजने का भी फ़ैसला किया है. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस का ये क़दम यूक्रेन पर नए आक्रमण के बराबर है, जिसका कुछ हिस्सा रूस ने ग़ैर क़ानूनी रूप से 2014 में अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उन्होंने कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं. बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है, ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा.
रूस का ये कदम यूक्रेन पर नए आक्रमण के बराबर
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस का ये क़दम यूक्रेन पर नए आक्रमण के बराबर है, जिसका कुछ हिस्सा रूस ने ग़ैर क़ानूनी रूप से 2014 में अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उन्होंने कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं. बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है, ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा.रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में पश्चिमी देशों ने पुतिन के कदमों पर नाराजगी जाहिर की है. डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना भेजने के रूस के एलान के बाद भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. भारत ने कहा है कि यूक्रेन व उसके आसपास के इलाकों में रह रहे 20 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है. इस बीच रूसी टैंक डोनेत्स्क शहर की ओर जाते दिखाई दिए हैं. इसे लेकर यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे हर चुनौती के लिए तैयार हैं.
तीन ऊंची नेटवर्थ वाले लोगों पर भी प्रतिबंधों का एलान
ब्रिटेन की तरफ से रूस पर सख्त प्रतिबंधों का एलान शुरू कर दिया गया है. इसके तहत ब्रिटेन ने सबसे पहले रूस के पांच बैंकों पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा तीन ऊंची नेटवर्थ वाले लोगों पर भी प्रतिबंधों का एलान हुआ है.
यूक्रेन हर चुनौती के लिए तैयार
रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में पश्चिमी देशों ने पुतिन के कदमों पर नाराजगी जाहिर की है. डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना भेजने के रूस के एलान के बाद भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. भारत ने कहा है कि यूक्रेन व उसके आसपास के इलाकों में रह रहे 20 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है. इस बीच रूसी टैंक डोनेत्स्क शहर की ओर जाते दिखाई दिए हैं. इसे लेकर यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे हर चुनौती के लिए तैयार हैं.
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यूरोप भी कर रहा प्रतिबंध लगाने की तैयारी
यूक्रेन पर रूस के हालिया कदम के बाद यूरोपीय संघ भी प्रतिबंधों को लागू करने की तैयारी कर रहा है. विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बॉरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री रूस द्वारा दो शहरों को मान्यता दिए जाने और यूक्रेन के क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती के खिलाफ रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं.
डोनेत्स्क में दिखाई दिए टैंक, ब्रिटेन ने बुलाई आपात बैठक
रूस के राष्ट्रपति पुतिन द्वारा सेना भेजने के आदेश के बाद डोनेत्स्क की ओर टैंक जाते दिखाई दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डोनेत्स्क में टैंकों व सैनिकों की हलचल देखी गई है. वहीं पश्चिम देशों की ओर से और अधिक प्रतिबंधों के अलावा कीव में अधिक हथियारों की तैनाती की तैयारी की जा रही है.
हम शांति चाहते हैं, लेकिन उकसावे में नहीं आएंगे -यूक्रेन
यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि हम शांति चाहते हैं. हम अपने कार्य करने में सक्षम हैं और राजनयिक समझौते के लिए प्रतिबंध हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी भी उकसावे के आगे नहीं झुकेगा. विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बॉरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री रूस द्वारा दो शहरों को मान्यता दिए जाने और यूक्रेन के क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती के खिलाफ रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं.
रूस-यूक्रेन के बीच तनाव कम होना जरूरी: भारत के विदेश सचिव
रूस-यूक्रेन विवाद पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का भी बयान आया है. उन्होंने कहा, “आज सुबह हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बयान में कहा है कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि तनाव कम होना चाहिए. दुनिया एक और संघर्ष नहीं चाहती. कूटनीति से ऐसा सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का एकमात्र तरीका है जो सभी को स्वीकार्य हो.”
भारत ने छात्रों से की यूक्रेन छोड़ने की अपील
यूक्रेन में रूसी हमले की आशंका गहराती ही जा रही है. इस बीच भारत ने छात्रों से एक बार फिर से अपील की है कि, वे तुरंत यूक्रेन छोड़कर भारत लौटें. भारत की ओर से कहा गया है कि, ऑनलाइन क्लासों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार किए बिना भारतीय छात्र वापस लौटना शुरू करें. भारत की ओर से नागरिकों को निकालने के लिए अतिरिक्त उड़ाने भी शुरू की गई हैं.
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