Kiev : रूस के जोरदार हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन के विदेश मंत्री दमयत्रो कुलेबा ने एक बार फिर से भारत से मदद की गुहार लगाई है. कुलेबा ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि वे व्लादिमीर पुतिन से बात करें. जान लें कि यूक्रेनी विदेश मंत्री ने पीएम मोदी से मदद की गुहार ऐसे समय पर लगाई है जब पुतिन ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन का देश का दर्जा ही संकट में पड़ने जा रहा है. याद दिलाया कि यूक्रेन भारत के खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और यह भारत के हित में है कि युद्ध बंद हो जाये.
Ask Russia to stop ongoing conflict: Ukraine FM Kuleba urges India
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— ANI Digital (@ani_digital) March 5, 2022
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भारत यूक्रेन के कृषि उत्पादों का बड़ा ग्राहक है
कुलेबा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत यूक्रेन के कृषि उत्पादों का बड़ा ग्राहक है. अगर युद्ध जारी रहता है तो यह यूक्रेन को इसे सप्लाई करना मुश्किल होगा. यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा कि जंग जारी रही तो हमारे किसान बुआई नहीं कर पायेंगे. उकहा कि यूक्रेन दुनिया के खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कुलेबा ने कहा, पुतिन हमारे अस्तित्व के अधिकार को ही नहीं मानते . भारत रूसी दूतावास पर युद्ध को रोकने के लिए दबाव डाल सकता है.
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युद्ध भारत समेत सभी के हितों के खिलाफ
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कुलेबा ने पीएम मोदी से गुहार लगाई कि वह पुतिन से बात करें और उन्हें बतायें कि युद्ध सभी के हितों के खिलाफ है. कुलेबा ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी का हम आह्वान करते हैं कि वह राष्ट्रपति से बात करें और उन्हें यह बतायें कि यह जंग किसी के हित में नहीं है. इस पूरे ग्रह पर अगर कोई इस युद्ध में रुचि रखता है तो वह केवल राष्ट्रपति पुतिन स्वयं हैं. रूस के लोग भी इस युद्ध के पक्ष में नहीं हैं. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह युद्ध बंद हो जाता है तो भारत अमेरिका के काट्सा प्रतिबंधों से बच सकता है.
रूस के भारत में राजदूत डेनिस अलीपोव ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन में चल रहे संकट का पूरी दुनिया पर असर होगा. उन्होंने कहा, इस संकट का पूरी दुनिया के लिए असर होगा. इसमें रूस और भारत के बीच रिश्ता शामिल है. यह किस हद तक होगा, यह कहना अभी मुश्किल है.
रूस ने कहा, आर्थिक रिश्तों को मजबूत कर सकता है भारत
रूसी राजदूत ने कहा कि भारत इस मौके का फायदा उठाते हुए रूस के साथ अपने आर्थिक रिश्तों को ज्यादा मजबूत कर सकता है. यह भारतीयों के लिए समझदारी भरा होगा कि वे हालात का फायदा उठायें, वह भी तब जब पश्चिमी देश हमारे साथ सहयोग करने से इनकार कर रहे हैं. बता दें कि पीएम मोदी यूक्रेन संकट पर अब तक दो बार पुतिन से बातचीत कर चुके हैं.