NewDelhi : न्यायिक नियुक्तियों (Judicial Appointments) को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच जारी तकरार के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की जापानी पत्नी का मुद्दा उभरा है. जान लें कि केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू लगातार कॉलेजियम सिस्टम पर बयान दे रहे हैं. वहीं न्यायिक परिवार के कई जज और वकील सरकार का आलोचना कर रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता ने विदेश मंत्री पर बयान देकर हलचल मचा दी है.
सौरभ कृपाल का पार्टनर भारतीय नहीं हैं
जस्टिस गुप्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल की नियुक्ति को लेकर सरकार द्वारा की जा रही आपत्ति का विरोध किया है. जस्टिस गुप्ता ने तर्क दिया सौरभ कृपाल की नियुक्ति खारिज करने का यह आधार नहीं हो सकता कि उनके पार्टनर भारतीय नहीं हैं. ऐसे कई भारतीय हैं जिनके पार्टनर भारतीय नहीं हैं. इस क्रम में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की पत्नी जापानी हैं.
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विवाह के बाद क्योको ने हिंदू धर्म अपना लिया था
एस जयशंकर की दूसरी शादी जापानी मूल की महिला क्योको सोमेकावा से हुई थी. पहली पत्नी शोभा की कैंसर से मृत्यु के बाद जयशंकर ने क्योको से विवाह किया था. जानकारी के अनुसार क्योको और जयशंकर दोनों के जन्मदिन एक ही तिथि 9 जनवरी को आते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विवाह के बाद क्योको ने हिंदू धर्म अपना लिया था.
सौरभ समलैंगिकों के अधिकारों के मुद्दे उठाते रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक की गयी जानकारियों के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने सौरभ कृपाल के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई है. बताया जाता है कि सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं. उनके पार्टनर स्विट्जरलैंड के नागरिक हैं. सरकार को इन दोनों तथ्यों से ऐतराज है. सरकार को चिंता है कि देश में समलैंगिक विवाह को अभी मान्यता नहीं मिली है. जबकि सौरभ समलैंगिकों के अधिकारों के मुद्दे उठाते रहे हैं.
भारत के स्विट्ज़रलैंड के साथ दोस्ताना संबंध है
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि भारत के स्विट्ज़रलैंड के साथ दोस्ताना संबंध है. सरकार यह मान कर नहीं चल सकती कि सौरभ कृपाल के पार्टनर भारत विरोधी हैं. कहा कि संवैधानिक पद संभालने वाले कई लोगों के पार्टनर दूसरे देशों के नागरिक रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल के सेक्सुअल ओरिएंटेशन के संबंध ने साफ कहा है कि सभी भारतीय को अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के साथ सम्मान से जीने का अधिकार है.
सौरभ कृपाल की नेक नीयत है कि वे अपने रूझान को लेकर हमेशा खुले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि वह बेंच के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. चीफ जस्सिट डीवाई चंद्रचूड़ से पहले के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने भी 11 नवंबर, 2021 को सौरभ कृपाल के नाम की सिफारिश की थी.