Ranchi : मूलवासी- सदान मोर्चा का प्रतीक चिह्न सदानी झंडा का रविवार को लोकापर्ण किया गया. इसके बाद मोटरसाइकिल रैली निकाली गयी. फिर महाजुटान का भी आयोजन किया गया. मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सदान झारखंड के प्राचीन वाशिंदे हैं. झंडा में लाल, पीला व हरा रंग का प्रयोग किया गया है. झंडा के मध्यवर्ती भाग में उगते हुए सूरज एवं नीले रंग से मूलवासी सदान शब्द लिखा हुआ है. इसमें लाल रंग शौर्य एवं विजय का प्रतीक है. पीला रंग आत्मविश्वास एवं आशावादी का प्रतीक है. हरा रंग प्राकृतिक हरियाली एवं खुशहाली का प्रतीक है, नीला रंग धैर्य एवं सहनशीलता का प्रतीक है, जबकि उगता हुआ सूर्य निरंतर प्रगतिशीलता का प्रतीक है. इस प्रकार ये सभी रंग सदानों के रहन- सहन, जीवन शैली, सभ्यता एवं संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं.
सदानी झंडा हर गांव-शहर के हर घर में लगाया जाएगा
उन्होंने कहा कि सदानी झंडा हर गांव-शहर के हर घर में लगाया जाएगा. डॉ सुदेश साहू ने कहा कि झारखंड में सदानों का देश के स्वतंत्रता तथा राज्य के नवनिर्माण में बहुत योगदान है. झारखंड में सदान प्राचीन काल से निवास करते रहे हैं. राज्य के नवनिर्माण में यहां के सदान वर्ग का योगदान रहा है. प्रसिद्ध गाय0क और संस्कृतिकर्मी क्षितिश कुमार राय ने कहा कि आज सरकार उन तमाम सदानों के योगदान को भूल गयी. सरकार की नीयत और नियति के कारण सदानों की पहचान मिटती जा रही है.
सदानी झंडा अभिमान और स्वाभिमान का प्रतीक
डॉ. उमेश नंद तिवारी ने कहा कि सदानी झंडा अभिमान और स्वाभिमान का प्रतीक है. अरुण साहू ने कहा कि अब सदान किसी राजनीतिक झंडा को नहीं, अपना सदानी झंडा उठाएंगे. डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा कि झंडा का अनावरण सराहनीय है. यह भावना, अस्मिता, एकजुटता का प्रतीक है. इस मौके पर साहित्यकार डॉ. शकुंतला मिश्र, महेंद्र गुप्ता, अशोक मंडल सहित कई ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में शहीद छेदी साहू के परिवारों को मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पहला सदानी झंडा सौंपा गया. मौके पर डॉ. संजय कुमार सारंगी, एडवोकेट उच्च न्यायालय विक्रम कुमार, तपेश्वर मिश्र, गढ़वा के आनंद दुबे, अमर साहू, विशाल कुमार, अनंत दूबे, महेंद्र प्रसाद गुप्ता, रामेश्वर साहू, हरीश ठाकुर, अमन अहमद, नीलम देवी सहित कई उपस्थित थे.
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