Ranchi: वस्त्र उद्योग में कार्यरत महिला कर्मियों के मानव अधिकारों पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम यूएनडीपी, चेंज अलायंस और फिया फाउंडेशन की ओर से किया गया था.
कार्यकम में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग मंत्री सत्यानंद भोक्ता शामिल हुए. उन्होंने कहा कि राज्य के श्रमिकों का कल्याण और उनका सर्वांगीण विकास हेमंत सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए विभाग श्रमिक के कल्याण के लिये योजना चला रही है. मजदूर आजीवन मजदूर नहीं रहेंगे. झारखण्ड को श्रमिक प्रधान राज्य के रूप में पहचान मिली है. इससे बाहर निकलना होगा. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जरूरतें बदल चुकी हैं. इन जरूरतों के अनुसार नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना करना सरकार की प्राथमिकता है. उन्हें प्रोत्साहित करने एवं अवसर देने की दिशा में सरकार काम कर रही है.
सरकार ने इसके लिय कानून एवं नियम भी बनाये हैं
सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लाखों लोगों के आजीविका के साधन छीन गए. वस्त्र उद्योग से जुड़े महिलाओं के लिए सुरक्षा, सुविधाओं और लैंगिक समानता को ध्यान में रखते हुए वस्त्र उद्योग को राज्य में वैश्विक पटल पर लाने की दिशा में काम किया जायेगा. पलायन कर काम करने वाले महिलाओं के सम्मान के साथ काम के बदले में न्याय संगत भुगतान जैसी आधारभूत सिद्धांतों का पलान जरूरी है. सरकार ने इसके लिय कानून एवं नियम भी बनाये है. कहा कि व्यापार एवं मानव अधिकार जैसे चुनौतीपूर्ण विषय पर कार्य करने वाले संस्थाओं को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं उनके प्रयासों में राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी.
मजदूरों को लेकर कोई डाटा उपलब्ध नहीं था
PHIA फाउंडेशन झारखंड के स्टेड हेड जॉनसन तोपनो ने कहा कोरोना महामारी की शुरुआत में राज्य में प्रवासी मजदूरों को लेकर कोई डाटा उपलब्ध नहीं था. इसके बाद भी राज्य सरकार ने झारखंड के प्रवासी मजदूरों को राज्य वापसी के लिय प्रयास किया. प्रवासी मजदूरों को मदद के लिय राज्य सरकार और फिया फाउंडेशन राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ की स्थापना किया गया था. जो आज भी मजदूरों की मदद के लिय कार्य कर रहा है.
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सयुक्त श्रम आयुक्त डॉ. श्याम सुंदर पाठक ने महामारी के समय प्रवासी मजदूरों के लिए कार्यों का अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि किस तरह प्रवासी पजदूरों के लिए उन्होंने जॉनसन टोपनो के साथ मिलकर उनके मदद के लिए विशेष सेल का निर्माण किया. इसके संचालन में काफी परेशानी आ रही थी. क्योंकि 50 नंबर को 24 घंटे चलाना था. उन्होंने बताय़ा कि किस तरह सरकार इन मजदूरों को दूसरे राज्यों में सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में कार्य कर रही थी. इसके साथ ही कार्यक्रम में एक्सआईएसएस के असिस्टेंट प्रोफेसर राजश्री वर्मा, झालसा से अभिषेक कुमार, वेस्ट बैंड टेक्सटाइल इंजस्ट्री की एचआर साबा, विश्वरुप ठाकुर और सॉष्टि शंकर मुख्य रूप से उपस्थित थे.
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