Sahibganj : साहिबगंज रेलवे स्टेशन की रैक लोडिंग प्वाइंट से उड़ने वाला धूल कण के कारण लोग परेशान हैं. जहां से रैक लोडिंग होती है वहां माल गोदाम भी है. पूर्व में इस माल गोदाम का उपयोग अनाज की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए किया जाता था. अब इस माल गोदाम का इस्तेमाल स्टोन चिप्स लोडिंग के लिए किया जाता है. लोग अब इसे माल गोदाम नहीं जानकर रैक लोडिंग प्वाइंट के नाम से जानते हैं. यहां स्टोन चिप्स रैक में लोडिंग कर अलग-अलग जगहों में भेजा जाता है. वर्ष 2018 में तत्कालीन पूर्व रेलवे कोलकाता जोन के जनरल मैनेजर ने साहिबगंज भ्रमण के दौरान आम लोगों की असुविधा को देखते हुए रैक लोडिंग प्वाइंट हटाने की बात कही थी. कई वर्ष बीतने के बाद बाद भी इसे यहां से नहीं हटाया गया है.
आलम यह है कि पहले एक ही लोडिंग प्वाइंट हुआ करता था. अब इसकी संख्या बढ़ाकर तीन हो गई है. यहां दिन-रात रैक में स्टोन चिप्स की लोडिंग होती है, जिससे हवा में धूलकण उड़ता रहता है. धूल कण के कारण यहां से गुजरने वालों लोगों और आसपास के रेलवे कॉलोनी में रह रहे रेल कर्मियों को परेशानी हो रही है. धूलकण के कारण शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है.
रैक लोडिंग प्वाइंट से महज कुछ ही दूर पवित्र गंगा नदी बहती है. प्रदूषण के कारण गंगा नदी का जल भी प्रदूषित हो रहा है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे योजना भी यहां संचालित है. रैक लोडिंग प्वाइंट से उड़ने वाले धूलकण से गंगा नदी की स्वच्छता पर भी खतरा है. प्रदूषण के कारण इस इलाके के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि बंजर होता जा रहा है. रेल प्रशासन इसे लेकर मौन है.
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