Sahibganj : साहिबगंज (Sahibganj) जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहिबगंज के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने 25 जुलाई को जिला व्यवहार न्यायालय स्थित अपने कार्यालय में विचाराधीन बंदियों की रिहाई को लेकर पुनरीक्षण समिति की बैठक की. इस दौरान मंडल कारा साहेबगंज और उप कारा राजमहल में लम्बे समय से बंद विचाराधीन बंदियों की पहचान कर प्रतिवेदन मांगा गया. वैसे बंदी जो आरोपित धारा में तय सजा की आधी अवधि जेल में काट चुकें है, जो बंधपत्र भरने में अक्षम हैं, या जो छोटे-मोटे अपराधों के आरोप में जेलों में बंद हैं उनको जमानत पर मुक्त किये जाने पर विचार किया गया. अभियान के तहत महिला, बीमार और बुजर्ग बंदियों को विशेष रूप से रिहा किए जाने पर भी विचार किया गया. बैठक में मंडलकारा साहिबगंज में बंद सभी विचाराधीन बंदियों पर विचार किया गया और लगभग 15 बंदियों की मुक्ति हेतु समिति से सम्बंधित न्यायालय को अनुसंशित करने पर विचार हुआ.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहिबगंज के सचिव सह वरीय सिविल जज धर्मेन्द्र कुमार ने बैठक का संचालन करते हुए बताया कि मंडल कारा, साहिबगंज में लगभग 242 विचाराधीन बंदी हैं जिसमें 16 महिलाएं हैं. अधिकतर बंदियों का केस अभी अनुसन्धान अंतर्गत लंबित है. बहुत बंदी ऐसे भी हैं जिनका जमानत याचिका न्यायालय से खारिज किया जा चुका है. समिति की अगली बैठक 3 अगस्त 2022 को निर्धारित की गई है. बैठक में पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किसपोट्टा, उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार, जेल अधीक्षक सह अनुमंडल पदाधिकारी, राजमहल रोशन कुमार साह उपस्थित थे.
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