Mithilesh Kumar
Dhanbad: विवाद में रहने वाले बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो कभी बीजेपी के नेता रहे समरेश सिंह की उपज हैं. समरेश ने ही ढुल्लू महतो को आगे बढ़ाया. अब ढुल्लू महतो इतना आगे बढ़ गए हैं कि किसी की नहीं सुनते-बीजेपी के बड़े नेताओं की भी नहीं.
किस में है दम : ढुल्लू महतो में दम इतना है कि जिले के भाजपाई उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलते. पुलिस भी पंगा लेने से बचती है. विपक्षी पार्टियां और सत्ताधारी दल के नेता भी ढुल्लू के खिलाफ बोलने से परहेज करते हैं. यही वजह है कि बाघमारा क्षेत्र में ढुल्लू का दबदबा है. पूर्व बीजेपी नेता विजय झा और पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो जरूर इन दिनों मुखर हैं .
कभी कोलियरी मजदूर थे ढुल्लू : ढुल्लू महतो का जन्म 12 मई 1975 को धनबाद जिले के एक छोटे से गांव चिटाही में हुआ. पिता का नाम पुना महतो तथा माता का नाम रूकवा महताईन. पिता महेशपुर कोलियरी में मजदूर थे. माता भी मजदूरी करती थी. शुरूआती दौर में ढुल्लू भी इसी काम से जुड़े. जोगीडीह कोलियरी में मजदूर का काम किया. इसी दौरान मजदूरों के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की. धीरे – धीरे मजदूरों के नेता बन गए.
समरेश ने बनाया टाइगर : 1999 आते – आते इनकी मुलाकात उस दौर के बड़े नेता समरेश सिंह से हुई. श्री सिंह ढुल्लू के जज्बे से प्रभावित हुए. उन्होंने वर्ष 2000 में ढुल्लू को टाइगर की उपाधि दी. इसके बाद ढुल्लू ने टाइगर फोर्स का गठन किया.
2005 में पहला चुनाव : 2005 में ढुल्लू पहली बार झारखंड वनांचल कांग्रेस पार्टी के टिकट से विधानसभा चुनाव में उतरे. जीत नहीं मिली, लेकिन 25 हजार वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे. 2009 में ढुल्लू, बाबूलाल मरांडी के सम्पर्क में आए. उनकी पार्टी से टिकट भी मिल गया. इस बार ढुल्लू ने 56026 वोट के साथ बाघमारा में परचम लहराया. इस जीत के बाद इस क्षेत्र में ढुल्लू की दबंगई बढ़ गई .
2014 में भाजपा का दामन थामा : जेवीएम के टिकट से मिली जीत के बाद ढुल्लू की दबंगई बाघमारा में गूंजने लगी. रंगदारी, जमीन हड़पने से लेकर वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का आरोप लगा. इसे लेकर दर्जनों केस भी ढुल्लू के खिलाफ हुए. पार्टी में ढुल्लू की छवि लगातार खराब होती गई. टिकट मिलना भी मुश्किल था. इसी बीच देश में भाजपा की लहर चल पड़ी. ढुल्लू मौका देख जेवीएम से पल्ला झाड़, भाजपा में शामिल हो गए. पार्टी ने टिकट भी दे दिया. 29623 वोट से दूसरी बार भी जीत मिली.
रामराज मंदिर ने दिया जीवनदान : 2019 चुनाव से पहले अपने गांव चिटाही में ढुल्लू ने भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया. दबंगई के साथ पहली बार लोगों के सामने ढुल्लू का धार्मिक चेहरा भी नजर आया. आज यह इलाका चिटाहीधाम के नाम से जाना जाता है. ढुल्लू को इस आस्था का प्रसाद भी मिला. 2019 के विधानसभा चुनाव में तमाम विरोध के बाद जीत मिली. 824 मतों से कांग्रेसी नेता जलेश्वर महतो को हराने में कामयाब रहे. जीत का अंतर बहुत कम था. यह अंतर भी रिकाउंटिंग के बाद मिला. इसके बाद भी ढुल्लू नहीं बदले. आरोप है कि अब वे जमीन पर कब्जा करने के लिए ठेले – खोमचे वालों से भी भीड़ रहे हैं .
भगवान राम भी इसे माफ़ नहीं करेंगे. : पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने लगातार से कहा कि ढुल्लू महतो गरीबों की संपत्ति लूट रहा है. पहले भी ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ जमीन अपने नाम करा चुका है. पिछले 12-13 साल से राजनीति ही यही सब करने के लिए कर रहा है. इसने इतना पाप किया है कि अब तो भगवान राम भी इसे माफ़ नहीं करेंगे. { जारी }
यह भी पढ़ें : एक MLA, जिसका विवाद पीछा नहीं छोड़ती, नाम है ढुल्लू