टीएमसी नेता के रिश्तेदार के घर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं. मौके पर एनएसजी की बम स्क्वाड को बुलाया गया
Kolkata : संदेशखाली मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही कार्रवाई के खिलाफ प बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. जान लें कि ममता सरकार ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सीबीआई को छापेमारी की इजाजत दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवाई की बेंच इस याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई करेगी.
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VIDEO | A team of NSG commandoes reaches Sandeshkhali in West Bengal.
This comes hours after the CBI seized arms and ammunition, including foreign-made pistols, during its searches at multiple locations in Sandeshkhali in connection with an attack on an Enforcement Directorate… pic.twitter.com/vsnmLV1hb0
— Press Trust of India (@PTI_News) April 26, 2024
सीबीआई ने संदेशखाली के सरबेरिया इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बलों की सहायता से छापेमारी की
इधर सीबीआई ने आज शुक्रवार को यहां संदेशखाली के सरबेरिया इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बलों की सहायता से छापेमारी की. छापेमारी के क्रम में एक टीएमसी नेता के रिश्तेदार के घर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं. मौके पर एनएसजी की बम स्क्वाड टीम को बुलाया गया. सीबीआई ने पुख्ता जानकारी के आधार पर छापेमारी की. टीएमसी पंचायत सदस्य हफीजुल खान के एक रिश्तेदार के घर छापा मारा गया. सूत्रों के अनुसार उसके घर से कई बम बरामद हुए. इस अभियान में केंद्रीय सुरक्षा बलों ने 10 सदस्यीय सीबीआई टीम की सहायता की.
बता दें कि संदेशखाली बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां 1 जून को वोट डाले जायेंगे. इस लोकसभा सीट से भाजपाने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है. संदेशखाली कांड के मास्टरमाइंड व निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख सहित अन्य शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं.
टीएमसी ने सीबीआई की छापेमारी पर सवाल उठाये
टीएमसी ने सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि संदेशखाली मुद्दा चर्चा में बनाये रखने के लिए सुनियोजित साजिश रची जा रही है. मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. जान लें कि ईडी की टीम पर हमला किये जाने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.