Ranchi : गुरुनानक होम बरियातू में 20 नवंबर को गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. 1969 में गुरुनानक होम की स्थापना की गयी थी, जिसमें दिव्यांग बच्चों का इलाज होता है. इस अवसर पर भाई उदय सिंह ने भाई गुरुदास द्वारा रचित वाणी का गायन किया- इक बाबा अकाल रूप दूजा रबावी मरदाना. गुरुनानक होम के बच्चों ने भी शबद गायन किया- प्रकट भई सगले जुगांतर गुरुनानक की बड़आई. हुजूरी रागी भाई संदीप सिंह ने पांचवें गुरु द्वारा रचित वाणी का गायन किया. गुरुनानक स्कूल के पूर्व अध्यक्ष हरिबंश सिंह देओल ने गुरु जी के सिद्धांतों और आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया. डॉ. हरमिंदर वीर सिंह ने गुरुनानक के तीन सुनहरे सिद्धांतों किरत करना, वंड छकना तथा नाम जपना पर सविस्तार चर्चा की. सरदार जसवीर सिंह ने भी विचार व्यक्त किये. हुजूरी रागी भाई भरपूर सिंह ने सुरीली आवाज में कीर्तन गा कर सबको मुग्ध कर दिया.
शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया
गुरुनानक होम की ओर से अध्यक्ष जोगींदर सिंह एवं सचिव मेजर गुरुदयाल सिंह ने सरदार हरबंश सिंह देओल, डॉ. हरमिंदर वीर सिंह, सरदार जसवीर सिंह तथा रोटी बैंक के प्रबंधक विजय पाठक को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन गुरमीत सिंह ने किया. मुख्य ग्रंथी ज्ञानी विक्रमजीत सिंह ने शुकराने की अरदास की. इस अवसर पर कुलतार सिंह, कृपाल सिंह, जसवीर खुराना, कंवलजीत सिंह सेठी, जगदीप चड्ढा, भूपेंद्र सिंह जग्गी, तरनवीर सिंह, देवेंद्र सिंह चड्ढा, हरजीत सिंह होड़ा, गुरजीत सिंह, गुरजीत सिंह छतवाल, चरण जीत सिंह आदि उपिस्थित थे.
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