Saraikela : राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त ओडिया भाषा की उपेक्षा के विरोध में ओडिया समाज 28 सितंबर को सरायकेला- खरसावां जिला मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेगा. रविवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी सहित अन्य ने जिला के ओडिया भाषा-भाषी गांवों का दौरा कर धरना-प्रर्दशन को सफल बनाने की अपील की. बैठक में षाड़ंगी ने कहा कि कोल्हान प्रमंडल सहित राज्य के कई जिलों में ओडिया भाषा भाषी रहते हैं. अपनी मातृभाषा ओडिया के लिए सभी संर्घषरत हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में ओडिया को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है. इसके बावजूद भाषा को उपेक्षित किया जा रहा है. भाषा के संरक्षण व अधिकार के लिए आंदोलन करने की आवश्यकता है. आज राज्य में एक साजिश के तहत ओडिया भाषा को उपेक्षित किया जा रहा है. स्कूलों में ओडिया शिक्षकों की बहाली नहीं की जा रही है. ओडिया स्कूलों को हिंदी शिक्षकों के हवाले किया जा रहा है. बच्चे अपनी मातृभाषा से पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं. 28 सितंबर को आयोजित धरना-प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी सुनिश्चित कर अपनी भाषा के संरक्षण हेतु अवाज बुलंद की जाएगी.
ओडिया बहुल गांवों का किया दौरा
षाड़ंगी ने हाता, हेंसल, कुटुम, बड़ाखीरी, कोलाबाडिया, कमलपुर, छेलकानी, टेंटोपोशी, रामचंद्रपुर सहित अन्य गांवों का दौरा किया. इस दौरान ओडिया भाषा भाषियों के साथ बैठक कर राज्य सरकार द्वारा जेपीएससी से लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ओडिया भाषा को उपेक्षित करने की जानकारी दी. दौरे के क्रम में आदित्यपुर उत्कल सम्मलेनी शाखा में रविंद्रनाथ सतपथी की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में भाषा संस्कृति के विकास पर जोर देते हुए धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने पर विचार-विमर्श किया गया. मौके पर अतनु कवि, अभिषेक आचार्य, सुधांशु शेखर मिश्र, भुवनेश्वर सतपथी, सत्यव्रत त्रिपाठी, माधवचंद्र साहु, अक्षय मिश्र, भीमसेन कर, नकुल पाणीग्राही, प्रदीप प्रधान के अलावे काफी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे.