Ranchi : राजी पड़हा सरना पार्थना सभा ने झारखंड की राजधानी में रविवार को विराट सरना पार्थना सभा सह सम्मेलन हुआ. इसमें रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों और नेपाल से भी सरना आदिवासी शामिल हुए. सम्मेलन में सरना धर्म कोड की मांग जोरदार ढंग से उठी. वक्ताओं ने कहा कि झारखंड सहित पूरे देश मे निवास करने वाले 12 करोड़ आदिवासियों को अपना धर्म कोड मिलना चाहिए. यह हमारे अस्तित्व से जुड़ी मांग है.
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‘पारसनाथ आदिवासियों का है’
सम्मेलन में पारसनाथ पर दावेदारी की भी बात उठी. वक्ताओं ने कहा कि पारसनाथ जैनियों का नहीं हैं, आदिवासियों का है. हमारा पूजा स्थल है. हमलोग सदियों से वहाँ पूजा पाठ, रीति रिवाज करते आये हैं. एक जैन मुनि वहां साधना करने आये थे. उनका निधन हो गया. इसके बाद वहां उस जैन मुनि की समाधि बना दी गयी. तो क्या वह पूरा परिसर पहाड़ उनका हो गया. सरकार इसे गम्भीरता से ले नहीं तो यहां दो सुमदाय में तनाव उत्पन्न होगा. कार्यक्रम के दौरान सरना मां और देव धर्मेश की पूजा अर्चना की गई, जिसमें सरना महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर डॉ प्रवीण उराँव, अजय तिर्की, कुंदर्शी मुंडा सहित कई लोगो ने अपने विचार रखे.
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