Jamshedpur : वर्ष 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में खरीदे गए टॉफी एवं टी-शर्ट के मामले में रघुवर दास सरकार को क्लीन चिट दिए जाने पर विधायक सरयू राय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि टॉफी एवं टी शर्ट की खरीद एवं गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम के नाम पर फर्जीवाड़ा के मेरे पास पर्याप्त सबूत हैं. समय आने पर उन सबूतों को सार्वजनिक करने के साथ ही कोर्ट के समक्ष भी रखूंगा. अपने आवासीय कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से जवाब मिलने से पहले ही मामला मीडिया में आ गया. अच्छी बात है, अगर वही जवाब मुझे मिलता है तो मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं. क्योंकि मेरे पास राज्य स्थापना दिवस के नाम पर खरीदे गए टॉफी एवं टी-शर्ट से जुड़े पर्याप्त सबूत मौजूद है. उन सबूतों के आधार पर ही मैंने विधानसभा में सवाल उठाया था. अब अगर किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं होने की बात सामने आ रही है तो मेरे पास खुद को सही साबित करने के लिए अदालत जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं अदालत में विचाराधीन इस मामले में इंटरवेनर बन सारे सबूत अदालत के समक्ष रखूंगा.
लुधियाना से डिस्पैच करने के दिन ही कैसे पहुंच गए टी-शर्ट
सबूतों को मीडिया से साझा करते हुए उन्हें उन्होंने कहा कि जब 15 नवंबर 2016 को लुधियाना से ही टी-शर्ट सड़क मार्ग से झारखंड आने के लिए डिस्पैच किस रास्ते से हुए जो उसी दिन यहां पहुंच गए. कहा कि सड़क मार्ग से 15 नवंबर को फिर 14 नवंबर को, उसके बाद 11 नवंबर को टी-शर्ट भेजे गए हैं. इसी तरह 9 नवंबर 2016 से लेकर 15 नवंबर 2016 को लुधियाना से ट्रेन से भी टी-शर्ट मंगाए गए हैं. जो किसी भी परिस्थिति में 15 नवंबर (राज्य स्थापना दिवस) के पहले नहीं पहुंच सकते हैं. ऐसे में लुधियाना की कंपनियों को टी शर्ट बनाने के नाम पर भुगतान किया गया है. जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए के टी-शर्ट एवं ट्रॉफी कागजों में ही मंगाए गए हैं. जिसमें करीब 6 करोड रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है.
सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में भी सरकारी राशि का किया गया दुरुपयोग
विधायक सरयू राय ने झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में गायिका सुनिधि चौहान को बुलाने एवं उन्हें भुगतान की गई राशि में भी फर्जीवाड़ा किए जाने का आरोप लगाया. कहा कि 15 नवंबर 2016 से पहले 6 नवंबर को सिदगोड़ा सूर्य मंदिर में छठ के मौके पर गायिका सुनिधि चौहान को बुलाया गया था. उक्त कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री बतौर संरक्षक शामिल हुए. उक्त कार्यक्रम के बाद 9 नवंबर 2016 को रघुवर दास ने अधिकारियों की रांची में बैठक बुलाई. जिसमें आर्चर इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सुनिधि चौहान को राज्य स्थापना दिवस पर बुलाने का प्रस्ताव दिया. उनके आने-जाने एवं ठहरने का कुल खर्च फाइल में 44 लाख 27 हजार 500 रुपया का भुगतान का जिक्र किया गया. जबकि सुनिधि चौहान को 55 लाख 22 हजार 281 रुपया भुगतान किया गया. कहा कि फाइल में दर्ज रकम से 10 लाख 94 हजार रुपया ज्यादा भुगतान किया गया. ऐसे में समझा जा सकता है कि सिदगोड़ा सूर्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम का भुगतान भी सरकारी पैसे से ही हुआ. सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सुनिधि चौहान एवं उनकी टीम को मुंबई से लाने एवं भेजने में 7 लाख 42 हजार रुपया भुगतान किया गया है. जो समझ से परे है. इसी तरह उनकी एक रात रांची में रेडिसन ब्लू होटल में ठहरने का खर्च लगभग तीन लाख रुपैया भुगतान किया गया है.