Ranchi: एक बार फिर से पूर्व मंत्री सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी है. इस बार भी मामला खनन विभाग से जुड़ा हुआ है. सरयू राय ने आरोप लगाया है कि पूर्व की रघुवर सरकार ने केंद्र सरकार की नियमावली को अनदेखा कर सेल को लौह अयस्क का खनन पट्टा 20 साल के लिए दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि खुद रघुवर दास उस विभाग के मंत्री थे. कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले खनन विभाग ने सेल को बिना रॉयल्टी पर प्रीमियम को ही लौह अयस्क का पट्टा दे दिया. वो भी चुनाव से ठीक पहले.
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केंद्र सरकार की नियमावली की अनदेखी
सरयू राय ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार भारत सरकार की किसी कंपनी, निगम या संयुक्त उपक्रम से खनन पट्टों पर रॉयल्टी के साथ रॉयल्टी का एक सुनिश्चित प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लेती है. लेकिन सेल को पट्टा देने के मामले में ऐसा नहीं किया गया. चाईबासा में सेल को खनन पट्टा देने में इस नियम की अनदेखी की गयी है. चिट्ठी में आरोप लगाते हुए सरयू राय लिखते हैं कि सवाल है कि विधान सभा चुनाव के ठीक पहले आनन-फानन में सेल के लौह अयस्क पट्टों का अवधि विस्तार तत्कालीन सरकार ने किस नीयत से कर दिया. क्या सरकार के अधिकारियों और खान मंत्री, जो स्वयं मुख्यमंत्री थे, को इस बहुचर्चित नियमावली के इस राजस्व प्रावधान की जानकारी नहीं थी.
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गलती का एहसास हुआ तो सेल से मांगी रकम
सरयू ने आरोप लगाया कि जब सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ तो भारत सरकार को सूचित कर इस मामले में अधिसूचना जारी कराने के बदले सरकार ने सीधे सेल को अतिरिक्त अधिशुल्क की मांग भेज दी. जो नियमानुकूल नहीं था. नतीजा सेल इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार की मांग पर स्थगन आदेश दे दिया. पहले नियमों का पालन नहीं करना और बाद में अपने-आप को बचाने के लिये अनियमित कार्रवाई कर देना और फिर न्यायिक प्रक्रिया में अपना दावा खारिज कराना पूर्ववर्ती सरकार की रणनीति रही है, विशेषकर खनन मामलों में. इसपर सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन से जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
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