Ranchi : देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सेल ने एक कामयाबी हासिल की है. उसने विशेष स्टील से बने ऐसा कोठी ( साइलो ) बनाया है, जिसमें रखे अनाज लंबे समय तक खराब नहीं होंगे. इस कोठी (छोटा अन्न भंडार) को रांची की आरडीसीआईएस और बोकारो स्टील सिटी ने मिलकर बनाया है.
उत्तम कोटि व दीर्घ-जीवन से लैस विशिष्ट इस्पात (गैल्वेनाइज्ड शीट्स) से इसे तैयार किया है. इसका उपयोग देश में अनाज संचयन कक्ष (साइलो) के तौर पर किया जाएगा. इस उपलब्धि से देश में उत्पादित अनाजों का भंडारण बेहतर तरीके से होगा. बड़े पैमाने पर यह खराब नहीं होगा और इसके बदले दूसरे देशों से होनेवाले आयात में कमी आएगी. जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी.
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10 मिलियन टन क्षमता के साइलों का भी होगा निर्माण
मौजूदा समय में अब तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इस विशेष इस्पात को विदेशों से आयात करता रहा है. हाल में पीपीपी मोड के तत्वावधान में एफसीआई ने 10 मिलियन टन से अधिक क्षमता वाले स्वचालित बड़े साइलो के निर्माण के लिए निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया है. यह उत्पाद देश की मांग को पूरा करता है. इससे अनाजों को विभिन्न ऋतुओं के प्रकोप से बचा कर लंबे समय तक संग्रहण किया जा सकेगा.
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विशेष रासायनिक संरचनाओं का हुआ इस्तेमाल
साइलो की गुणवत्ता में इस वृद्धि का कारण इस्पात की उच्च आतंरिक शक्ति (कम से कम 350 मेगा पास्कल) है. दबाव बढ़ने पर 16 फीसदी विस्तार होने की क्षमता के अतिरिक्त 450 ग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक जस्ते की कोटिंग को धारण करने की क्षमता है. सेल के इंजीनियरों ने विशेष रासायनिक संरचनाओं के साथ इसे डिजाइन किया है. परीक्षणों के दौरान इस्पात शीट की मोटाई, तापमान तथा लाइन स्पीड को सही मापदंडों में रखकर यह सफलता हासिल की गयी.
बोकारो और रांची की टीम को बधाई दी
इस अवसर पर आरडीसीआईएस के कार्यपालक निदेशक एन बनर्जी ने आरडीसीआईएस रांची की टीम का नेतृत्व करनेवाले एन मण्डल और सेल बोकारो की टीम को इस मेक इन इंडिया प्रयास के लिए बधाई दी.
ग्रामीण इलाकों में भी भंडारण की सुविधा
इस उत्पाद से न केवल खरीद और वितरण केंद्रों पर, बल्कि कृषि स्थानों पर भी भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा देगा. जैसा कि सरकार ने साइलो को मंडियों के बराबर का दर्जा दिया है. इस इस्पात से तैयार विशालकाय साइलो, सरकार की नियोजित 10 मीट्रिक टन के भंडारण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है. पहले गांव-घर में अनाज रखने के लिए मिट्टी की कोठी हुआ करती थी, जो अक्सर बाढ़ अन्य आपदाओं में नष्ट हो जाती थी.
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मदर साइलो के निर्माण में भी मदद करेगा
यह उत्पाद बड़ी क्षमता वाले मदर साइलो के निर्माण में भी मदद करेगा, जो खाद्यानों के सही वितरण के लिए विशेष रेल वैगनों से जुड़ेगा. बीएसएल पहले ही इस ग्रेड के 300 टन का उत्पादन कर चुका है. सेल की मार्केटिंग टीम का भी इस अभियान में सहयोग रहेगा.
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