Ranchi : डाक्टर्स वाइव्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सावन मेले का समापन शनिवार को हो गया. यह आयोजन मनोरंजन के साथ सेवा का प्रतीक है. इस मेले में विभिन्न स्टॉलों से जो आय होती है, उसका उपयोग समाजसेवा में किया जाता है. इस बार की आय की राशि शिक्षण संस्थानों काे दान करने की योजना है. करमटोली चौक के समीप इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन के हाल में आयोजित इस मेले की अपार सफलता के लिए एसाेसिएशन की पदाधिकारियों ने एक दूसरे को बधाई दी. इस वर्ष मेले को पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिला. हजारों लोगों ने इस मेले में आकर अपनी सहभागिता निभायी.
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष दो लाख अधिक आज अर्जित
इस मेले के आयोजन का एक उद्देश्य महिला उद्यमियों को उनकी प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान करना भी था. रांची के आईएमए हॉल में आयोजित इस मेले में विभिन्न स्टॉलों पर कपड़े, मसाले, अचार, पापड़, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, मेकअप के सामान, डेकोर आयटम की जमकर बिक्री हुई. इसके अलावा अन्य स्टॉलों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती रही. मेले में 45 स्टॉलों पर दैनिक उपयोग, शृंगार एवं सजावट के सामान उपलब्ध थे. दो दिनों में जमकर सामानों की बिक्री हुई और पिछले साल की तुलना में दो लाख रुपये अधिक का कलेक्शन किया गया.
नीता ने लगाया था पौधों का स्टॉल
मेले में हरमू निवासी उद्यमी नीता भी शामिल थीं, जिन्होंने पौधों का स्टॉल लगाया था. नीता हरमू में अपने आवास पर परिसर में ही आर्गेनिक नर्सरी चलाती हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बचपन से ही गार्डेनिंग करने की इच्छा रहती थी, किंतु जगह की कमी के कारण वे वैसा नहीं कर सकीं. लेकिन उनकी इच्छा खत्म नहीं हुई, बल्कि उन्होंने पॉट में ही गार्डेनिंग शुरू कर दी और उसे आगे बढ़ा रही हैं. पहले मिट्टी के गुलदस्ते में पौधे लगाती थीं, अब उनके पास पत्थर के बने पॉट हैं. उन पौधों की बिक्री होती है और उससे घर-परिवार चलाने योग्य उनकी आय हो जाती है. उनके पास कई ऐसे पौधे हैं, जिन्हें महीने में एक ही बार धूप और पानी की जरूरत होती है. ये पौधे उन लोगों के लिए काफी अच्छे हैं, जो अपने कामों में व्यस्त रहते हैं और देखरेख नहीं कर पाते हैं. उन्होंने महिला उद्यमियों को इस प्रकार अवसर प्रदान करने के लिए डाॅक्टर्स वाइव्स एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की.
ज्वेलरी और हैंडलूम साड़ियों ने लोगों का ध्यान खींचा
बंगाल के दुर्गापुर की रहनेवाली महिला उद्यमी टीना रॉय ने भी इस मेले में एक स्टॉल लगाया था. उनके स्टॉल में हाथों से बनायी गयी ज्वेलरी, हैंडलूम साड़ी, बंगाली कलेक्शन के साथ ही गिफ्ट आइटम्स भी मौजूद रहे. उनके स्टॉल के सामान बहुत अधिक पसंद किये गये.
समाज सेवा करना मेले का मुख्य उद्देश्य
एसोसिएशन की चेयरपर्सन विनीता शरण ने बताया कि मेला का उद्देश्य समाज सेवा ही होता है. जो भी आय होती है, उसका उपयोग सामाजिक सेवा में किया जाता है तथा जरूरतमंदों को दान कर दिया जाता है. ऐसोसिएशन की संस्थापक झूमा सरकार ने बताया कि लोगों का रिस्पांस बहुत अच्छा रहा. पिछले वर्ष के मुकाबले इस लोगों में ज्यादा उत्साह दिखा और भीड़ भी रही. उन्होंने बताया कि सारा फंड झारखंड के शिक्षण के संस्थानों को दे दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि रांची के चिकित्सकों की पत्नियों व महिला चिकित्सकों का यह समूह संख्या में दो सौ से ऊपर सदस्यों वाला है. पिछले 16 साल से लगातार रांची में जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों के सेवा कार्य में लगा है.