Ranchi : राज्य के 1118 स्वच्छ भारत मिशन एसबीएम कर्मियों के समक्ष रोजगार की समस्या है. केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के फेज दो की शुरूआत की गयी है. जिसका नाम जल जीवन मिशन है. राज्यों को निर्देश दिया गया है कि पहले फेज के कार्यरत कर्मियों से ही फेज दो में काम लिया जाये. ऐसे में जरूरत पड़ने पर नयी बहाली हो. केंद्र सरकार की ओर से ये आदेश दो फरवरी 2021 को दिया गया. इसके बावजूद राज्य पेयजल स्वच्छता विभाग ने चार जून को सभी जिला प्रशासन को नयी बहाली संबधी पत्र जारी कर दिया. जबकि छत्तीसगढ़, बिहार और यूपी जैसे राज्यों ने पूर्व से कार्यरत कर्मियों को ही फेज दो के लिए नियमित किया. वहीं राज्य के एसबीएम कर्मी पिछले दो साल से तीन-तीन महीने के एक्सटेंशन में कार्यरत हैं.
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इस बार सिंतबर तक मिला एक्सटेंशन
राज्य के एसबीएम कर्मियों से एक्स्टेंशन पर काम लिया जा रहा है. एक्सटेंशन की स्थिति पिछले दो साल से बनी है. जब राज्य में एसबीएम फेज के तहत लगभग काम पूरा था. फिलहाल फेज एक के क्लोजिंग का काम अधिकांश जिलों में हो रहा है. जून में फिर से कर्मियों को तीन महीने का एक्सटेंशन मिला. जो सितंबर तक के लिए है. ऐसे में कर्मियों के बीच काफी अंसतोष है. बता दें दो फरवरी को केंद्र की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन फेज वन के तहत कार्यरत कर्मियों से काम लिया जाये. नयी प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के गठन का मतलब लोगों को रिप्लेस करना नहीं है. साथ ही जिक्र है कि पूर्व से कार्यरत कर्मियों के अनुभव का इस्तेमाल फेज टू में किया जाये.
मिशन के तहत पद
जल जीवन मिशन के कई पद एसबीएम दो के तहत सृजित पद हैं. इसमें तकनीकी ऑफिसर, जो प्रत्येक अंचल में होंगे. वाटर को-ऑर्डिनेटर प्रत्येक जिला में, एचआरडी, आईसी कंसल्टेंट, स्टेट कंसल्टेंट समेत अन्य पद हैं. बता दें कि केंद्र के आदेश के बाद भी पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से पत्र जारी होते रहे हैं. पत्र मिशन के तहत नयी बहाली के लिए होती है.
जिसमें एक अप्रैल 2021, चार जून को पत्र जारी किया. जो सभी जिला उपायुक्तों के नाम रहा. इसमें नयी प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के तहत बहाली की बात की जाती रही है. यहां बता दें कि फेज टू के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में काम किया जाना है. जिसके लिए 2019 से 2024 तक की समय तय है.
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सही और तथ्यात्मक प्रतिवेदन है | रोजगार के नाम पर सत्ता में आयी झारखंड सरकार को इस पर पहले करते हुए सभी कर्मियों को नियमित कर देना चाहिए | भारत सरकार के स्पस्ट आदेश के बावजूद भी यदि राज्य सरकार निर्णय लेने में यदि कन्फ्यूज्ड है तो उसे अन्य राज्यों का अनुशरण करना चाहिए |