NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट में कथित पेगासस जासूसी मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच कराये जाने संबंधी याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई. खबर है कि CJI एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई 13 सितम्बर तक स्थगित कर दी.
श्री मेहता ने सुनवाई के क्रम में कहा कि अतिरिक्त हलफनामे के लिए उन्हें कुछ और समय चाहिए क्योंकि संबंधित अधिकारियों से उनकी मुलाकात किन्हीं कारणवश नहीं हो सकी है. इसलिए उन्हें कम से गुरुवार तक का समय दिया जाये.
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पेगासस जासूसी मामले की जांच विशेष जांच दल से कराने की मांग
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने श्री मेहता के अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं की. इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 13 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दी. जान लें कि याचिकाकर्ताओं ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से कराने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं में पत्रकार, वकील, पत्रकार संगठन एडिटर्स गिल्ड एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं.
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17 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट में 2 पन्ने का संक्षिप्त जवाब दाखिल किया
17 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट में 2 पन्ने का संक्षिप्त जवाब दाखिल किया था. इसमें उसने मामले की जांच के लिए अपनी तरफ से विशेषज्ञ कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था. याचिकाकर्ताओं ने इस संक्षिप्त जवाब का विरोध किया था. इसके बाद कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह विचार करे कि उसे और कुछ कहना है या नहीं. कोर्ट सरकार का जवाब देखने के बाद आदेश पर विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं लंबित हैं. यह याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई जाने-माने लोगों की है.
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सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं
उन्होंने राजनेताओं, पत्रकारों, पूर्व जजों और सामान्य नागरिकों की स्पाईवेयर के ज़रिए जासूसी का आरोप लगाया है. केंद्र जासूसी के आरोपों को निराधार बता चुका है. लेकिन उसने प्रस्ताव दिया था कि वह याचिकाकर्ताओं का संदेह दूर करने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन करेगा. इस पर याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मांग की थी कि वह सरकार को विस्तृत हलफनामा देने को कहे. यह पूछे कि सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं.