NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया. कहा कि मंत्री पर कार्रवाई प्रधानमंत्री करेंगे, कोर्ट नहीं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की आधिकारिक स्थिति पर टिप्पणी कर उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.
इसे भी पढ़ें : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ED के रडार पर, पत्नी की शुगर मिल अटैच, 65.75 करोड़ की संपत्ति जब्त
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता, चंद्रशेखरन रामास्वामी द्वारा दायर की गयी
याचिका के अनुसार, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की टिप्पणी कि भारत ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तुलना में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार अधिक बार उल्लंघन किया है, उसने न केवल चीन को एक दुर्लभ अवसर दिया है, बल्कि इस विषय पर भारत की लंबे समय से आधिकारिक स्थिति का खंडन किया है. याचिका सामाजिक कार्यकर्ता, चंद्रशेखरन रामास्वामी द्वारा दायर की गयी थी,
अदालत कुछ नहीं कर सकती
उन्होंने विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया जहां सिंह ने कथित रूप से विवादास्पद बयान दिये.
याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि सरकार यह घोषणा करे कि केन्द्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति के संबंध में कथित टिप्पणी कर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.
इस पर न्यायालय ने कहा, अगर मंत्री सही नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही तमिलनाडु के निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी की याचिका खारिज कर दी.
इसे भी पढ़ें : राहुल गांधी ने टीकाकरण पर तंज कसा, जुलाई आ गया है, वैक्सीन नहीं आयी, डॉ हर्षवर्धन बोले, अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं
आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश हित में करना चाहिए
सुनवाई के क्रम में पीठ ने कहा, अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर कर उसे बयान वापस लेने के लिए कहेंगे. अगर मंत्री सहीं नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती. साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप वैज्ञानिक हैं, इसलिए आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश के लिए कुछ करने में करना चाहिए. हम याचिका खारिज कर रहे हैं