Ranchi: तांतनगर जलापूर्ति योजना, चाईबासा में घोटाला हुआ है. अफसरों से काम करने वाली एजेंसी को बिना सप्लाई के ही करोड़ों का भुगतान कर दिया है. अब तक 17 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं. इस योजना में 30 करोड़ की फर्जी निकासी की शिकायत मिली थी. इसके बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया. इसके लिए पांच इंजीनियरों की टीम बनायी गयी. फिलहाल टीम चाईबासा जाकर मामले की जांच कर रही है. संभावना है कि जल्दी ही विभाग को जांच रिपोर्ट सौंप दी जायेगी.
जांच टीम को भी मिली गड़बड़ी, फर्जी बिल पर हुआ भुगतान
सेंट्रल डिजाइन आर्गेनाइजेशन के मुख्य अभियंता रघुनंदन शर्मा, संयुक्त सचिव पशुपति नाथ मिश्रा, मुख्य अभियंता, रांची प्रक्षेत्र प्रदीप कुमार चौधरी, पीएमयू निदेशक सुधाकांत झा और अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार सिंह को जांच टीम में शामिल किया गया है. टीम ने अबतक की जांच में पाया है कि अप्रैल माह में काम करने वाली एजेंसी ने फर्जी बिल के सहारे करोड़ों का भुगतान ले लिया है. जिस सामग्री के एवज में भुगतान किया गया है, योजना में उस सामान का उपयोग ही नहीं हुआ.13 जून को जांच समिति का गठन हुआ था. एक सप्ताह के अंदर जांच समिति को अपनी रिपोर्ट देनी थी.
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मंत्री भी निरीक्षण के दौरान इंजीनियर-ठेकेदार को लगा चुके हैं फटकार
जांच टीम बनने से पहले पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर खुद तांतनगर जलापूर्ति योजना का स्थल निरीक्षण कर चुके हैं. निरीक्षण में मंत्री ने कई खामियां पाई थीं. पश्चिमी सिंहभूम जिले के तांतगर प्रखंड में करीब 94 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना का निर्माण हो रहा है. मंत्री ने कार्य की प्रगति को लेकर कार्यपालक अभियंता और ठेकेदार को जमकर फटकार भी लगायी थी. उन्होंने कहा था कि प्रोग्रेस रिपोर्ट 25% गलत है. जलापूर्ति योजना से तांतनगर प्रखंड के 12353 गांवों में जल-नल योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.