Piyush Gautam
Ranchi : राजधानी में स्कूली बच्चों की सुरक्षा से लगातार खिलवाड़ जारी है. तय लिमिट से कहीं अधिक बच्चों को वाहनों खास कर ऑटो में ठूस-ठूस कर सवारी कराई जा रही है. जिसके कारण बच्चों के साथ कभी भी कोई अनहोनी घटना घट सकती है.
ऑटो में सवारी कर रहे तय लिमिट से अधिक बच्चे
सुबह स्कूल शुरू होने के समय और दोपहर स्कूल की छुट्टी के बाद शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर स्कूली बच्चों से लदे तीन पहिया वाहन(ऑटो) देखे जा सकते हैं. जिसमें वाहन चालक खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं. शहर के अल्बर्ट एक्का चौक के समीप कामिल बुल्के पथ पर स्थित स्कूलों की छुट्टी के बाद सड़क पर ऐसा नजारा आम बात है, जिसमें तीन पहिया वाहन चालक क्षमता से ज्यादा बच्चों को लादकर ले जाते देखे जाते हैं.
एक ऑटो में 15 बच्चे सवार
स्कूली बच्चों को ले जा रहे एक ऑटो में तो 15 बच्चे सवार थे. सबसे पीछे वाली सीट पर चालक ने छह बच्चों को बैठाया था. बीच वाली सीट पर सात बच्चे बैठे थे. बैठने के दौरान बच्चों के पैर और शरीर ऑटो से बाहर की तरफ निकल रहे थे, जिसके कारण कभी भी कोई हादसा हो सकता है
क्या कहा डीटीओ ने
वाहनों में ओवरलोडिंग के बारे में जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश ने कहा कि ओवरलोडिंग पर कभी भी पूर्ण विराम नहीं लगाया जा सकता. हमने कई बार नियम तोड़ने वाले तीन पहिया चालकों पर जुर्माना लगाया है. ओवरलोडिंग की घटनाओं में कमी लाने के लिए बच्चों के अभिभावकों में जागरुकता लाना अनिवार्य है. अगर अभिभावक जागरूक होंगे तो वह अपने बच्चों को असुरक्षित वाहनों में स्कूल नहीं भेजेंगे. इसके लिए समय-समय पर विद्यालय प्रबंधन को दिशानिर्देश जारी कर उनके माध्यम से अभिभावकों को जागरूक किया जाता है.
क्या कहना है अभिभावकों का
बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को असुरक्षित नहीं देखना चाहता . अन्य साधनों का किराया बहुत अधिक होने के कारण मजबूरी में ऐसे वाहनों का सहारा लेकर बच्चों को स्कूल भेजना पड़ता है.