Virendra Rawat
Ranchi : शुक्रवार से झारखंड के स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गयीं. राज्य सरकार के निर्देश के बाद एक प्रोटोकॉल के तहत तमाम स्कूल खुल गये हैं. पहले दिन स्कूलों में लगभग 50 प्रतिशत ही विद्यार्थी दिखे. हालांकि उपस्थित विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली. शिक्षकों ने कहा कि जल्द ही स्कूलों में पहले की तरह विद्यार्थियों की उपस्थिति देखने को मिलेगी. कई विद्यार्थी हैं, जो स्कूल के साथ अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कामकाज में जुट गये हैं, उन्हें दोबारा शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा. रांची समेत 7 जिलों में नौवीं से बारहवीं तक ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने की अनुमति दी गयी है. बाकी 17 जिलों में पहली से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं.
सरकार 7 जिलों में स्कूल खोलने को लेकर जल्द लेगी अभिभावकों की सहमति
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनवरी 2022 में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था. वहीं लगभग 2 साल से पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं पूरी तरह ठप थी. हालांकि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के बाद 4 फरवरी से राज्य के 17 जिलों में पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल ओपन कर दिया गया है. वहीं रांची समेत सात जिलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोला गया है. स्कूल संचालन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है. इसे लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एक गाइडलाइन भी जारी की गयी थी.
सड़कों पर दिखे यूनिफॉर्म में विद्यार्थी
शुक्रवार से रांची समेत राज्य के विभिन्न जिलों में स्कूली बच्चों का चहल-पहल देखा गया. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए, मास्क और सेनेटाइजेशन का इस्तेमाल करने के बाद स्कूलों में प्रवेश की अनुमति दी गयी. आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश के मुताबिक ऑफलाइन क्लास में उपस्थिति को स्कूलों के लिए वैकल्पिक रखा गया है. स्कूलों में उपस्थिति के लिए ऑफलाइन क्लास अनिवार्य नहीं है. स्कूलों में सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक है, जो बच्चे अभिभावक से अनुमति लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं, उन्हें स्कूलों में एंट्री दी जा रही है. रांची, पूर्वी सिंहभूम, देवघर, चतरा, सरायकेला, बोकारो और सिमडेगा को छोड़ अन्य 17 जिलों में ऑफलाइन टेस्ट परीक्षाएं भी ली जा सकेंगी. समय-समय पर शिक्षकों और छात्रों का भी जिला प्रशासन के द्वारा स्कूल कैंपस में ही कोविड टेस्ट करवाया जायेगा. वहीं स्कूल कैंपस में विद्यार्थियों की उपस्थिति से कैंपस फिर से गुलजार हो गया है. सड़कों पर विद्यार्थी स्कूल यूनिफार्म में कई दिनों बाद देखे गये.
काफी कम संख्या में उपस्थित हुए विद्यार्थी
स्कूल खुलने के पहले दिन स्कूल परिसर में काफी चहल-पहल देखने को मिली. हालांकि कोविड-19 के कारण स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति काफी कम थी. शिक्षकों ने कहा कि कोविड-19 के कारण कई विद्यार्थी अभी भी स्कूल नहीं आ रहे हैं. अभिभावक अब भी कोविड-19 को लेकर डरे और सहमे हुए हैं. उम्मीद है कि जल्द ही अभिभावकों के मन से डर खत्म होगा और स्कूलों में शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ विद्यार्थी दिखायी पड़ेंगे.
क्या कहते हैं विद्यार्थी
उर्सलाइन कान्वेंट स्कूल की छात्रा लवली टोप्पो ने बताया स्कूल बंद नहीं होना चाहिए. अब उन्होंने भी कोरोना से लड़ना सीख लिया है. उनका पठन-पाठन काफी प्रभावित हो रहा है. इसलिए कोरोना महामारी को लेकर जारी प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए स्कूल ओपन रखना चाहिए.
जिला स्कूल की प्राचार्य दीपा चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को ध्यान रखते हुए तमाम तरह की तैयारियां मुकम्मल कर ली गयी थी. साफ-सफाई के बाद ही स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइन जारी है उसका ख्याल रखा जा रहा है. एक लंबे अर्से बाद एक बार फिर राज्य के स्कूल खुले हैं और इसी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के बाद सुरक्षात्मक कदम स्कूलों में उठाये जा रहे हैं.
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