Jamshedpur : आदिवासी सेंगल अभियान से जुड़े लोगों ने झारखंड में सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए शुक्रवार को डीसी ऑफिस के सामने धरना-प्रर्दशन किया. यह प्रर्दशन झारखंड सहित करीब पांच राज्यों में किया गया. आदिवासी लगातार सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने डीसी को राष्ट्रपति के नाम सात सूत्री मांगपत्र भी सौंपा. धरने पर बैठे आदिवासी सेंगल अभियान के केंद्रीय संयोजक बिमो मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों कि हेमंत सरकार ने आज तक आदिवासियों के हित के लिए कार्य नहीं किया. एक लंबे अरसे से उठ रही सरना धर्म कोड को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग को मुख्यमंत्री ने कभी जरूरी नहीं समझा.
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अब अपने हक के लिए हम आवाज उठाएंगे. जूनियर मुर्मू ने कहा कि आदिवासी कोई दूसरा धर्म नहीं मानते. हमारे लिए यह जल, जंगल और जमीन ही सब कुछ है. आज देश भर के 15 करोड़ आदिवासी इसी धर्म कोड के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. हमारे अस्तित्व को बचाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि 2021 की जनगणना से पहले सरकार इसे कानूनी मान्यता दे. उन्होंने संताली को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने, झारखंडी डोमेसाइल , सीएनटी कानून और बिरसा मुंडा के वंशजों की रक्षा आदि की भी मांग रखी. इस दौरान पूर्वी सिंहभूम जिले के अलग-अलग प्रखंडों से ग्रामीण शामिल हुए.