Seraikela,(Bhagya sagar singh) : जिला मुख्यालय सहित अगल बगल के गांवों में बेरोजगारी के नाम पर किसी भी तरह का अवैध कारोबार करने की सामाजिक छूट मिल रही है. बेरोजगारी को रोजगार मिलने के नाम पर इस प्रकार के कारोबार अपनाने वालों की एक बड़ी संख्या अमरबेल की तरह फैलती जा रही है. इनकी निरन्तर बढ़ती संख्या बल के आगे प्रबुद्ध जन एवं तथाकथित समाजसेवी कुछ बोलने से कतराते हैं. कुछ तबाह होते घर के लोग ऐसे कारोबार बंद कराने की गुहार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कर चुके हैं. लेकिन वोट बैंक असंतुलन के भय से ये चुप्पी साधे रहते हैं. जब सबकी मौन स्वीकृति हो तो फिर प्रशासन से कौन शिकायत करे.
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सहयोग करने वाले स्वयं बेचारगी की स्थिति में
बेरोजगारी दूर करने के नाम अवैध शराब, जुआ एवं लॉटरी का कारोबार फल फूल रहा है . इन अवैध धंधों में लिप्त लोगों के लिये गांव से शहर तक लोग यही दलील देते हैं कि उसके पास कोई रोजगार नहीं है. कुछ भी नहीं करेगा तो उसका परिवार कैसे चलेगा. जबकि उनका किया गया यही सहयोग स्वयं उनके लिए अभिशाप बन जाता है. कल के बेरोजगार गरीब नशा एवं जुआ का कारोबार करते हुए मजबूत बन रहे हैं. जबकि उनके ही कारोबार में अपनी कमाई झोंक कर सहयोग करने वाले स्वयं बेचारगी की स्थिति में आ गए हैं.
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हर गांव में अवैध लॉटरी बेचने वाले मिलेंगे
जिला मुख्यालय के अगल-बगल में गिनती के ही कुछ गांव होंगे जहां के जागरूक ग्रामीण अपने गांव में अवैध शराब एवं लॉटरी के धंधे पर रोक लगा रखे हों. अन्यथा हर गांव में तीन चार ठिकाने अवैध शराब के एवं एक दो एजेंट अवैध लॉटरी बेचने वाले अवश्य मिलेंगे. शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक कुछ गुप्त ठिकानों में जुए के अड्डे भी चल रहे हैं. चर्चे की मानें तो इन दिनों सभी अवैध धंधों पर लॉटरी का धंधा हावी है. प्रतिदिन लाखों रुपये की लॉटरी यहां फैले एजेंट शहर से गांव तक बेचते हैं. ऐसे अवैध धंधा करने वालों को जागरूक पब्लिक एवं प्रशासन से सुरक्षा देने के नाम पर कुछ चर्चित बहुरूपिये उनसे धन उगाही भी कर रहे हैं.