Seraikela(Bhagya sagar singh) : जिला मुख्यालय से होकर गुजरती मुख्य सड़कों पर चलने वाली अनेक छोटे यात्री वाहनों में सफर करते यात्रियों का ऐसा नजारा भी आये दिन देखने को मिलता है जैसे उसमे यात्री सफर नहीं बल्कि सर्कस के कलाकारों की तरह करतब दिखाते चल रहे हैं. वाहनों के अंदर दमघोंटू भीड़ के बाद वाहन के छत पर यात्री बैठाए जाते हैं. छत भरने के बाद वाहन के अगल-बगल लगे विभिन्न कल पुर्जों पर लटकते हुये भी अनेक यात्री नजर आते हैं. कोई एक हाथ से वाहन का कोई हिस्सा पकड़े नजर आता है तो उसका एक पांव किसी कलपुर्जे पर भी जमा रहता है. तेज रफ्तार चलते वाहनों में इस प्रकार सफर करना स्टंट कलाकारों के लिए भी चुनौती बन सकती है.
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क्या कहते है यात्री-
इस प्रकार सफर करते कुछ यात्रियों से जब पूछा गया कि इस प्रकार लटकते या छत पर बैठ सफर करने से किराये में कुछ छूट दी जाती है क्या तो उन्होंने अपना नाम – पता बिना बताए कहा कि निर्धारित किराया पूरा देना पड़ता है. बीच रास्ते से वाहन पर चढ़ने वालों को सीट नहीं के बराबर मिलती है. बाध्य होकर छत पर बैठ कर या साइड में लटकते हुए सफर करना पड़ता है.
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क्या कहते हैं वाहन चालक–
कुछ छोटे यात्री वाहनों के चालक एवं सहायक से बात करने पर बताया कि वाहन मालिक को प्रतिदिन एक टारगेट के अनुसार पैसे देने पड़ते हैं. अगर हमलोग नहीं देंगे तो हमारे जगह मालिक दूसरे को काम पर लगा देंगे. इसलिये निर्धारित क्षमता से अधिक यात्री बैठाना हमलोगों की भी मजबूरी होती है.
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क्या कहते हैं टैक्सी मैक्सी संघ के अध्यक्ष-
टैक्सी मैक्सी संघ के अध्यक्ष छोटराय किस्कू से यात्री ओवरलोड के सम्बंध पूछने पर उन्होंने बताया कि संघ द्वारा बैठकों में वाहन संचालकों से कहा जाता है कि सम्भावित दुर्घटना से सुरक्षा के लिए ऊपर नीचे यात्री लेकर वाहन नहीं चलाया जाए. कुछ ऐसे भी मामले होते हैं कि जगह नहीं रहने पर बीच रास्ते वाहन नहीं रोकन से कभी-कभी चालकों के साथ मार पीट भी की जाती है. रेगुलर सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों के लिये जबरन चढ़ने वाले यात्रियों की भी सुननी पड़ती है. रही पुलिस प्रशासन से बात किया गाय ते उन्होने कहा कि इस प्रकार के यात्री वाहन बालू ट्रैक्टर की तर्ज पर रात के अंधेरे शार्ट रास्ते से छुप कर नहीं चलते हैं, बल्कि दिन के उजाले में मुख्य सड़कों पर टोल प्लाजा के कैमरों, कई थाना के सामने की सड़कों तथा सड़क किनारे हेलमेट एवं सीट बेल्ट चेक करते चौकस ट्रैफिक पुलिस के सामने से भी बेधड़क गुजरते हैं.
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