Seraikela (Bhagya sagar singh) : समाहरणालय परिसर से मंगलवार को उपायुक्त अरवा राजकमल एवं अपर उपायुक्त सुबोध कुमार द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर वज्रपात से बचाव की आम जनों को जानकारी देने हेतु जागरूकता रथ को झंडी दिखा कर रवाना किया गया. यह रथ जिले के नौ प्रखंडों का भ्रमण कर आम लोगों को वज्रपात से बचाव को लेकर जागरूक करेगी. मौके पर उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि जिले में वज्रपात की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर: ओएलएक्स पर सामान बेचने के नाम पर गंवाये 31 हजार
वज्रपात से सुरक्षा हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में रथ के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी प्रखण्ड के गाँवों में यह जागरूकता रथ जाएगी. स्थानीय मुखिया को भी निर्देश दिया गया है कि वे जागरूकता रथ के साथ रह कर ग्रामीणों को वज्रपात से बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक करने में सहयोग करें.
जागरूकता रथ के माध्यम दी जाने वाली जानकारियां
तेज बारिश एवं बादलों की गर्जन होने पर सम्भावित वज्रपात से सुरक्षा हेतु परिस्थिति अनुसार अलग-अलग जानकारियां दी जा रही हैं जैसे घर के अंदर बरती जाने वाली सावधानियां –
बिजली से संचालित उपकरणों से दूरी एवं तार वाले टेलीफोन का उपयोग ना करना, बिजली की सुचालक वस्तुओं, धातु निर्मित पाइप, नल, फव्वारा, वाशबेसिन इत्यादि से दूरी बनाए रखना, भींगे कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करना, खिड़कियां, दरवाजे, बरामदे और छत से दूरी रखना.
घर से बाहर रहने पर सावधानियां
ऊंचे वृक्ष के नीचे या ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में न रहें तथा समूह में खड़े न रहें. सफर के दौरान वाहन में ही रहें तथा खुली छत वाले वाहन की सवारी ना करें. बाइक, बिजली या टेलीफोन का खम्भा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें, तालाब और जलाशयों से दूर रहें, यदि आप पानी के भीतर है अथवा किसी नाव में है तो तुरंत बाहर आ जाएँ. बारिश के समय धातु के डंडे वाले छाते का उपयोग ना करें.
खेत खलिहान में काम करते समय
खेत खलिहान में काम करते समय गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहें किसान तथा मजदूर या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें, किसी सुरक्षित स्थान में शरण ले पाने में असमर्थ हों तो जहां हैं वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे- लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, जमीन पर कदापि न लेटें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआयें. जब आप जंगल में हो, बौने एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाएं.