Seraikela (Bhagya Sagar Singh): सरायकेला जिला मुख्यालय के अगल बगल एकांत क्षेत्र स्थित देवालय एवं पूजा स्थलों में इन दिनों विविध प्रकार के नशेड़ी एवं जुआरी अड्डा जमाने लगे हैं. ऐसे अवांछित तत्वों की निरन्तर मौजूदगी से आध्यत्मिक विचारधारा के लोगों का आवागमन कम होने लगा है. जिन्हें पूजा अर्चना एवं दर्शन करनी होती है वे सुबह-सुबह ही पूजा-पाठ से निपट लेते हैं.
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पहले नजरें बचाकर होता नशापान व जुआ, अब दबंगई के साथ
बताया जाता है कि पहले भी लोग नशापान करते थे एवं मन बहलाने के नाम जुआ भी कुछ लोग आपस मे बैठ कर खेला करते थे. उस समय इनकी संख्या कम थी तथा उनमें यह अहसास भी था कि वे गलत कर रहे हैं. मात्र इसी कारण समाज सहित अपने परिवार से भी नजरें बचा कर ये कार्य किया करते थे. अब इस कार्य मे अधिसंख्य युवाओं की भी फौज उतर जाने के कारण ऐसे कार्य दबंगता के साथ होने लगे हैं.
जुआरियों के लिये आखड़ासाल पूजा स्थल सबसे महफूज स्थान
ऐसे कार्यों के संचालक एवं बिचौलिए नशा सहित विविध प्रकार के जुए खेलने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. पुलिस की निरन्तर ऐसे कार्यों पर नकेल कसने हेतु गश्ती होती रहती है. परन्तु खरकाई नदी किनारे आखड़ासाल, दोनों पुलिया के बगल, श्मशान काली मंदिर के पास कहां-कहां पुलिस इनकी टोह लेती फिरेगी. नित नए स्थान बदल कर ये खेला चलता रहता है. चर्चा के अनुसार जुआरियों के लिये इन दिनों आखड़ासाल पूजा स्थल सबसे महफूज स्थान बना हुआ है. वहां पुलिस पहुंचने पर भी छुप कर भागने को अनेक झाड़ियां साथ देती हैं.
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