Seraikela (Bhagya Sagar Singh) : राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र में सरकारी उदासीनता के कारण विगत सितंबर माह से सन्नाटा पसरा हुआ प है. इस केंद्र के निदेशक व छऊ गुरु तपन पटनायक के सेवानिवृत्ति के बाद से कला केंद्र में एक भी कर्मचारी नहीं है. विश्वविख्यात छऊ कला के संरक्षण एवं विकास को लेकर ही राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र की स्थापना की गई थी. कला केंद्र स्थापना के समय जितनी नियुक्तियां की गयी थी उनमें से एक-एक कर अपनी कार्यावधि पूर्ण कर अवकाश प्राप्त करते गए.
नुपयोगी साबित हो रहा केंद्र
रिक्त हुए पदों पर पुनः नियुक्ति नहीं की गई. अनुदेशक, वाद्य वादक एवं वरीय शिक्षक जैसे पदों के दायित्व निदेशक ही वहन करते हुए या मैनेज करते हुए केंद्र का संचालन कर रहे थे. उनके अवकाश प्राप्त करने के बाद पूरा कला केंद्र में एक ही कर्मी वहां के माली सह चौकीदार बचे है. केंद्र में नृत्य कला से सम्बंधित जानकारी एवं सहयोग सहित रियाज हेतु आने वाले कलाकारों के लिए यह केंद्र पूर्ण रूपेण अनुपयोगी साबित हो रहा है.
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सलाहकार समिति का गठन करने का हुआ था निर्णय
राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के पूर्ववत संचालन की मांग स्थानीय छऊ गुरु, कलाकार एवं कलाप्रेमियों द्वारा निरंतर की जा रही है. इसी संदर्भ में कलाकारों के मांग पर नगरपंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी के साथ एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन सहित राज्य के विभागीय सचिव से भी मिल कर केंद्र संचालन प्रक्रिया प्रारम्भ कराने का मांग कर चुका है. विगत 15 दिसंबर को सदर एसडीओ सह केंद्र के पदेन सचिव ने कला गुरुओं एवं कलाकारों के साथ बैठक की थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि सर्वप्रथम सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा. इसके लिये पुनः एक वृहद बैठक करने हेतु 21 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई थी. परन्तु अपरिहार्य कारणों से यह बैठक स्थगित हो गई.
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असमंजस की स्थिति में कलाकार
समिति के गठन को लेकर अब स्थानीय छऊ गुरु, कलाकार एवं कला प्रेमी काफी असमंजस की स्थिति में हैं. भोला नाथ महंती एवं सुनील दुबे सहित कुछ अन्य कलाकारों ने कहा कि अगर जल्द ही कलाकेंद्र को सक्रिय नहीं किया जाता तो छऊ के विकास एवं संरक्षण में इसका दूरगामी नुकसान होगा. सम्बंधित पदाधिकारी, विभाग एवं सरकार को इस कला के संरक्षण हेतु समय रहते ध्यान दिया जाना चाहिए.