Mumbai : NCP चीफ शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर सबको चौंका दिया है. यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे 81 वर्षीय शरद पवार बुधवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है. इस क्रम में शरद पवार ने मोदी के कामकाज की शैली की प्रशंसा की. कहा कि मोदी बहुत प्रयास करते हैं और काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा. पीएम इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी एक साथ कैसे आ सकते हैं यह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी.
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मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
एक राज को साझा करते हुए पवार ने कहा कि मेरी और तब के पीएम मनमोहन सिंह की राय थी कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे अलावा यूपीए सरकार में कोई अन्य मंत्री नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह मनमोहन सिंह सरकार पर लगातार हमलावर थे.
पवार के अनुसार जब मोदी गुजरात के सीएम थे, मैं केंद्र में था. जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, मोदी भाजपा शासित राज्यों के सीएम के एक समूह का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हल्ला बोलते थे.
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मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया
राज्यसभा सांसद शरद पवार ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वह(पवार) उपस्थित सभी लोगों से कहते थे कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के सीएम हैं और लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है. अगर वह यहां मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों का समाधान हो और हित उनके राज्य के लोग प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया.
पवार ने कहा कि मैं अकेला केंद्रीय मंत्री था जो गुजरात जाता था और राज्य के मुद्दों को देखता था. मेरी और सिंह की राय थी कि हमें मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं रखनी चाहिए. हमारी राय थी कि हमें स्थापित ढांचे (प्रशासन के) से बाहर नहीं जाना चाहिए और हमने ऐसा कभी नहीं किया. हालांकि कहा कि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्यों ने गुजरात सरकार में कुछ लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था.
मैंने इस मुद्दे पर कभी पीएम से बात नहीं की है
शरद पवार ने कहा कि अगर उन्होंने 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के लिए भेजा होता, तो वह सुनिश्चित करते कि सरकार सत्ता में बनी रहे. 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद संभावित राजनीतिक परिदृश्य के बारे में पूछा गया कि क्या वे विपक्ष का नेतृत्व करेंगे. पवार ने कहा कि वे नेतृत्व करने के बजाए उस व्यक्ति का समर्थन और मार्गदर्शन करना चाहते हैं जो सरकार का नेतृत्व करेगा. महाराष्ट्र में कुछ मंत्रियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर कभी पीएम से बात नहीं की है और न करेंगे.