NewDelhi : यूपी सहित कई भाजपा शासित राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकारों द्वारा जारी कवायद के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाने के पीछे भाजपा की राजनीतिक मंशा है. आरोप लगाया कि वह एक समुदाय विशेष को निशाना बनाना चाहती है.
लोकसभा सांसद थरूर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगले 20 वर्षों में भारत के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती यह होगी कि उसे बड़े स्तर पर बुजुर्ग आबादी होने की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. कहा कि जनसंख्या वाली बहस पूरी तरह से गलत है क्योंकि ज्यादातर राज्यों ने प्रजनन की प्रतिस्थापन दर को हासिल कर लिया है.
My interview with @PTI_News on the eve of Parliament's monsoon session touched on a range of issues, from the misplaced population debate to the vexed issue of disruptions: https://t.co/KjDIB7AMZ5
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 17, 2021
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उनका मकसद सिर्फ राजनीतिक और सांप्रदायिक है
थरूर ने यह भी कहा यह कोई संयोग नहीं है कि जिन यूपी, असम और लक्षद्वीप में जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है. हर कोई जानता है कि भाजपा का इरादा किस ओर है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी ताकतों ने जनसंख्या को लेकर ठीक से जानकारी हासिल नहीं की है. उनका मकसद सिर्फ राजनीतिक और सांप्रदायिक है.
शशि थरूर के कदमताल पर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हल्ला बोला. जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि अब तक भारत के अधिकतर राज्यों ने प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर को हासिल कर लिया है. कहा कि 2026 तक झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी ऐसा कर लेंगे, जिसमें सबसे अंतिम राज्य बिहार भी 2030 तक कर लेगा.
An updated version of this graph, showing the total fertility rate, for 2018.
येही ग्राफ, 2018 के डाटा से। https://t.co/Z7iBh2X8sk pic.twitter.com/eYXBu8sVOh
— Road Scholarz (@roadscholarz) July 17, 2021
इस क्रम में जयराम रमेश ने कहा कि मुझे संदेह है कि भाजपा में ज्यादातर लोग इस बुनियादी तथ्य से अवगत हैं, जो मोदी सरकार द्वारा जुलाई 2019 में संसद में पेश किये गये अपने 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शाया गया था. आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में मोदी सरकार के अपने अनुमान से कुछ राज्यों को 2031 तक बढ़ती वृद्ध – आबादी के लिए तैयार रहना होगा ना कि बढ़ती जनसंख्या के लिए.
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