Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ( Jharkhand High Court ) ने शेल कंपनियों (Shell Company) में इन्वेस्टमेंट की सीबीआइ (CBI) जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर फैसला सुनाया है. अदालत ने जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है. साथ ही मेंटेनबिलिटी (Maintainability) की बिंदु पर सरकार द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया है. बता दें कि इस जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन (Dr. Ravi Ranjan )और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद(Sujit Narayan Prasad) की अदालत में हुई है. इस मामले में राज्य सरकार, शिवशंकर शर्मा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ईडी पक्षकार हैं. पढ़ें – संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? रोज नये मुद्दे क्यों उठायें, इतिहास नहीं बदल सकते
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कोर्ट में कई बिंदुओं पर बहस हुई
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जनहित याचिका की मेंटेनबिलिटी(Maintainability) पर सवाल उठाते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि वह इस याचिका पर आगे की सुनवाई ना करें और याचिका को ख़ारिज कर दे. इसके लिए सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित वकीलों ने कई बिंदुओ पर बहस भी की थी.
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शेल कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग हुई
जबकि ईडी (ED) और याचिकाकर्ता का कहना है कि शेल कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग (Money laundering) हुई है. अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों की जांच से सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. अगर जनहित याचिका दाखिल करने में नियमों का पालन नहीं किया हुआ है, तो इसका सहारा लेकर न्याय का रास्ता नहीं रोका जा सकता है.
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