Patna : चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू यादव के दोषी करार दिये जाने के बाद शिवानंद तिवारी ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटाले के कितने आरोप लगाये थे. शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है कि क्या अकेले लालू यादव ही पापी हैं. वर्ष 2015 में नीतीश और मोदी ने एक दूसरे पर जो गंभीर आरोप लगाये थे, उन आरोपों का क्या हुआ.
सजा तो प्रत्याशित थी
तिवारी ने कहा कि सियासत की दुनिया में लालू यादव अकेला पापी हैं, बाकी तो सभी साधु संत हैं. अभी रांची की अदालत से लालू यादव को सजा मिली. सजा मिलनी ही थी, क्योंकि यह अदालत इसी से जुड़े हुए बाकी मामलों में सजा दे चुकी थी. इसलिए यह तय था कि इस मामले में भी सजा मिलेगी ही. वरिष्ठ राजद नेता ने कहा कि सब जानते हैं कि यह एक ही मामला है जिसको पांच मानकर सुनवाई हो रही है. इसलिए सजा तो प्रत्याशित थी.
कार्रवाई होने या नहीं होने के पीछे भी राजनीतिक मकसद होता है
उन्होंने कहा कि सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव के विरोधी जिस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, जैसे ये सब लोग साधू हैं. हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होने या नहीं होने के पीछे भी राजनीतिक मकसद होता है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव का स्मरण कीजिए. नीतीश कुमार उस चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में अभियान चला रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की ओर से उस चुनाव में अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली थी. उस दरमियान उन्होंने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटाले के कितने आरोप लगाये थे.
मोदी ने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ 22 आरोप गिनाये थे
उन्होंने कहा कि गोपालगंज और मुजफ्फरपुर की चुनावी सभाओं में मोदी ने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटाले के 22 आरोप गिनाये थे. उन आरोपों का क्या हुआ? क्या वे ही आरोप नीतीश कुमार के पाला बदलकर प्रधानमंत्री वाले गठबंधन में चले जाने का कारण तो नहीं बने थे. शिवानंद तिवारी ने कहा कि विडंबना देखिए. जिन पीएम मोदी ने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाया था, वे ही आज उनको सच्चा समाजवादी का प्रमाणपत्र दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने कभी कहा था कि जिस आदमी का नाम लेने से करोड़ों अल्पसंख्यकों के मन में भय समा जाता है, उसके साथ मैं हाथ मिलाऊंगा? वही नीतीश कुमार पीएम मोदी से सच्चे समाजवादी का प्रमाणपत्र उनकी कृपा मानकर ग्रहण कर रहे हैं.
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