– गोड्डा में अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया खेल
महगामा से लौटकर प्रवीण कुमार\अमित सिंह की रिपोर्ट
Godda : संथाल परगना के गोड्डा जिला में 300 बीघा से भी अधिक सरकारी जमीन बेच दी गई है. जमीन की खरीद-बिक्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है. इस पूरे खेल को अंचल कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है. मामला जिले के महगामा और मेहरमा अंचल क्षेत्र का है. जिला प्रशासन को भी इस पूरे प्रकरण की जानकारी है. जिला प्रशासन ने इस मामले में 208 लोगों को नोटिस भेजा है. वहीं 100 से अधिक लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी है. लेकिन जिला प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ नोटिस भेजने की खानापूर्ति तक ही सीमित रह गई है. नोटिस के आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उधर करोड़ों रुपये में जमीन की खरीद-बिक्री का खेल अब भी जारी है.
गोड्डा जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री के इस खेल की विस्तृत जांच भी कराई. जांच में पता चला कि अंचल कार्यालयों के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन की जमाबंदी कराई गई है. महगामा और मेहरमा अंचल के जिम्मेवार अधिकारी इस खेल में शामिल हैं. अब जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया है. ऐसे में अफसर खुद को बचाने के लिए नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं. प्रशासन अभी भी उन लोगों को चिह्नित कर रहा है, जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है.
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ऐसे हुआ था खुलासा
सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री के इस खेल की जानकारी प्रशासन को वर्ष 2017 में ही मिल गई थी. उस वर्ष सादे हुक्मनामे के आधार पर महगामा और मेहरमा अंचल में करोड़ों रुपये में जमीन की खरीद-बिक्री का मामला सामने आया था. जमीन खरीदने वालों ने इसकी रजिस्ट्री कराने के बाद अंचल कार्यालय में म्यूटेशन के लिए आवेदन किया. जब अंचल के अधिकारियों ने म्यूटेशन से पहले जमीन से संबंधित दस्तावेज देखे, तो सारा खेल सामने आ गया. म्यूटेशन के लिए जितने भी आवेदन आए थे, वे सभी सरकारी जमीन से संबंधित थे. अंचल के अधिकारियों ने इसकी जानकारी उपायुक्त को दी. उपायुक्त ने मामले की विस्तृत जांच कराई. इसके बाद से दोनों अंचलों में सरकारी जमीन से संबंधित सभी म्यूटेशन आवेदन पर रोक लगा दी गयी. गोड्डा जिले के उपायुक्त ने वर्ष 2017 में मामले की जांच कराई.
ऐसे हुआ अवैध बंदोबस्ती का खेल
विभागीय अधिकारियों की कथित मिलीभगत से पहले सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराया गया. इसके बाद जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए. फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन का म्यूटेशन कराया गया. उसके बाद खरीद-बिक्री का खेल शुरू हुआ. सादा हुक्मनामे के आधार पर जमींदार से प्राप्त की गई भूमि दिखाकर अंचल कार्यालय की मिलीभगत से जमीन की जमाबंदी की गई. इसके बाद पंजी 2 में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया.
एक दर्जन मौजा में सरकारी जमीन की हुई अवैध जमाबंदी
उपायुक्त ने दोनों अंचलों में सरकारी जमीन से संबंधित जांच कराई. पता चला कि दोनों अंचलों में एक दर्जन से ज्यादा मौजा में सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराई गई है. जांच रिपोर्ट के अनुसार, महगामा अंचल के बसुवा मौजा में 169 बीघा, महगामा मौजा में करीब 20 बीघा, हनवारा मौजा में 27 बीघा, विश्वसखानी मौजे में करीब 40 बीघा, मुरलीटाक मौजा में 10 बीघा, कुशमहरा मौजा में 10 बीघा, खोरद मौजा में पांच बीघा जमीन की अवैध जमाबंदी करा ली गई है. गोड्डा जिले के ही मेहरमा अंचल के तहत बनिअड्डा मौजा थाना नम्बर 359 में 70 बीघा, खिरौंधी मौजा में 50 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. जिस-जिस सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराई गई है, वह जमीन परती कदीम नेचर की है.
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