– चान्हो अंचल के रानीचाचो मौजा की 35 एकड़ जमीन की जमाबंदी का खेल
– मौजूदा सीओ प्रदीप कुमार और पूर्व सीओ ने दी थी अलग-अलग रिपोर्ट
Pravin kumar
Ranchi: चान्हो अंचल की रानीचाचो मौजा के खाता नंबर 143, प्लॉट नंबर 1159 का 35 एकड़ जमीन की जमाबंदी में बड़ा खेल हुआ है. एक ही जमीन की दो अंचलाधिकारियों ने अलग-अलग रिपोर्ट दी थी. ये दोनों रिपोर्ट एक-दूसरे के एकदम उलट हैं. एक में जमीन की जमाबंदी को संदिग्ध बताया गया है तो वहीं दूसरी रिपोर्ट में फर्जी दस्तावेज को सही ठहराया गया है. पहली रिपोर्ट पूर्व सीओ जफर हसनात ने दी है तो दूसरी रिपोर्ट मौजूदा सीओ प्रदीप कुमार की है. बता दें कि अपर समाहर्ता रांची के न्यायालय ने विविध अपील वाद संख्या 21/2022-2023 में विगत 25 मार्च को दुर्गा देवी के नाम पर लगान रसीद निर्गत करने का आदेश पारित किया था. इसके बाद सीओ प्रदीप कुमार कुमार ने प्रतिबंधित भूमि होने के बाद भी विगत 16 जून को एक साथ 10 साल की लगान रसीद काट दी. चान्हो अंचल के रिकाॅर्ड के अनुसार, जिस लगान रसीद संख्या 4134595 को चान्हो रानीचाचो मौजा के 2012-2013 का बताया जा रहा है वह दूसरे मौजा के लिए निर्गत की गई थी. इसी रसीद से 2012-2013 का लगान लिया गया था. यह राशि सरकारी खजाने (ट्रेजरी) में जमा नहीं की गई. वहीं, लगान रसीद के अनुसार 35 एकड़ जमीन का 2012-2013 एक साल का लगान 336 रुपये लिया गया है. विगत 16 जून को काटी गई उसी 35 एकड़ जमीन का सालाना लगान 291.55 रुपये लिया गया. यह रानीचाचो मौजा के खाता नंबर 143, प्लॉट नंबर 1159 की 35 एकड़ जमीन की जमाबंदी के लिए किए गए फर्जीवाड़े को दर्शाता है.
इस भूमि से संबंधित जांच रिपोर्ट अंचल अधिकारी प्रदीप कुमार ने 4 मार्च 2030 को अपर समाहर्ता न्यायालय में भेजी. अपर समाहर्ता की ओर से जांच प्रतिवेदन की मांग की गई थी. जांच प्रतिवेदन पर राजस्व उपनिरीक्षक हलका पांच और अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार के हस्ताक्षर हैं लेकिन अंचल निरीक्षक का हस्ताक्षर नहीं है.
अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सीओ द्वारा काफी दबाव देने के बाद भी अंचल निरीक्षक ने हस्ताक्षर नहीं किए. दबाव में आकर राजस्व उपनिरीक्षक हलका पांच ने प्रतिवेदन में हस्ताक्षर किए.
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सीओ प्रदीप कुमार की रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट में सीओ प्रदीप कुमार ने लिखा है कि खाता संख्या 143, प्लॉट संख्या 1159, 35 एकड़ जमीन भूमि ऑनलाइन पंजी 2 के पृष्ठ संख्या 173 में दुर्गा देवी के नाम पर दर्ज है. इसका लगान 2013-14 तक जमा किया गया है. इसे संलग्न भी किया गया है. आवेदक को मौजा जमींदार के हुकुमनामे से जमीन मिली है. इसमें जमींदार पदुम कुंवरी द्वारा हुकुमनामे में अपनी बेटी दुर्गा देवी को हमेशा के लिए बख्शीशनामा द्वारा भूमि दी गई. दुर्गा देवी द्वारा फाॅर्म एम. की छाया प्रति दी गई जो अभिलेखागार में दर्ज है. इसकी छायाप्रति 3 मार्च 2023 को जिला अभिलेखागार से निर्गत की गई है.
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पूर्व सीओ जफर हसनात की रिपोर्ट
पूर्व सीओ जफर हसनात से भी रानीचाचो मौजा के हल्का पांच की 35 एकड़ जमीन की जमाबंदी को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि इस जमीन की जमाबंदी उन्मूलन के बाद से ही जमाबंदी का आधार अंचल में मौजूद नहीं है. साथ ही इस जमीन की वर्षवार लगान रसीद भी निर्गत नहीं की गई है. इससे संबंधित कोई भी दस्तावेज अंचल कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. दुर्गा देवी के नाम पर जमाबंदी पंजी टू में नहीं है. यह सिर्फ ऑनलाइन पंजी टू के पेज 173 में दर्ज है जो संदिग्ध है. उन्होंने रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका संख्या 202/95 में 12 दिसंबर 1996 को पारित आदेश के क्रम में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा निर्गत स्पष्ट निर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकार के राजस्व अभिलेख में जंगल झाड़ी के रूप सभी जमीन चाहे उसका स्वामित्व किसी के भी पास हो, वन भूमि के अंतर्गत आती है. साथ ही इस पर वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते हैं. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राजस्व अभिलेख में वन भूमि के वैधानिक स्वरूप में परिवर्तन वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत केंद्र सरकार की पूर्वानुमति के बिना नहीं किया जा सकता. इस भूमि पर टाना भगत आवासीय विद्यालय भी मौजूद है.