Vineet Upadhyay / Vijay Gope
Ranchi: रांची में है कांके और कांके में है रिनपास. रिनपास, माने वह स्थान, जहां मानसिक रोगियों का इलाज होता है. अब इस रिनपास के भीतर क्या-क्या हो रहा होता है, किसी को पता नहीं चलता. कुछ चीजें छुपी रह जाती हैं. कुछ को खोज कर निकाला जाता है. मार्च में एक घटना यहां हुई थी. एक महिला थीं. मानसिक रुप से विक्षिप्त. वह कार की चपेट में आ गई. करीब डेढ़ माह तक रिम्स में उनका इलाज हुआ. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. सोचिए, विक्षिप्त महिला का एक्सीडेंट हुआ, इलाज चला, वह मृत्यु को प्राप्त हो गईं और मामले को दबा दिया गया, गोया कुछ हुआ ही न हो. किसी ने पूछा तो अत्यंत सुविधाजनक तरीके से बता दिया गया कि वह विक्षिप्त थी, पेड़ से गिर गई थी! न पुलिस केस हुआ, न किसी तरह की अन्य कार्रवाई. महिला के परिवार वालों को शायद ही इसकी जानकारी भी मिली हो. लेकिन, खबर ये नहीं है. खबर ये है कि रिनपास कैंपस में जिस कार से विक्षिप्त महिला का एक्सीडेंट हुआ था, वह कार डॉ जयति सिमलई चला रही थी. डॉ. सिमलई तब यहां इंफर्मरी वार्ड की महिला शाखा प्रभारी थीं. आज की तारीख में वह रिनपास की निदेशक हैं. समझ सकते हैं कि जब मामला निदेशक स्तर के पदाधिकारी का हो तो इसे कैसे अत्यंत सुविधाजनक तरीके से निपटा दिया गया होगा!
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घटनास्थल: रिनपास कैंपस (कांके)
तारीखः 02 मार्च 2022
घटनाः विक्षिप्त महिला तैरु निशा को कार (जेएच-01सीसी-9687) ने कुचल दिया. कार मालिक ने जख्मी महिला को रिम्स में भर्ती कराया. 14 अप्रैल को विक्षिप्त महिला की मौत हो गई.
कौन हैं कार मालिक ?
जेएच-01सीसी-9687 नंबर वाली यह कार किसी अर्जित मिश्रा के नाम से रजिस्टर्ड है. जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन इसे डॉ जयति सिमलई खुद चला रही थीं.
डॉ. जयती सिमलई का जवाब
विक्षिप्त महिला को कार से कुचलने की घटना की जानकारी मिलने के बाद रिनपास के तत्कालीन निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन ने 14 मार्च को डॉ. जयति सिमलई से स्पष्टीकरण मांगा था. 16 मार्च को जयति सिमलई ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा था, “दुर्घटना के वक्त गाड़ी की स्पीड 10 किमी प्रति घंटा थी. विक्षिप्त महिला वार्ड के बाहर घूम रही थी. इसी दौरान दुर्घटना हो गई. दुर्घटना के वक्त कार को वह खुद चला रही थी. दुर्घटना के बाद उन्होंने खुद जख्मी महिला को रिम्स में भर्ती कराया और उसके इलाज की जानकारी ले रही हैं.”
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था एक्सीडेंट, बता दिया पेड़ से गिरना
रिनपास कैंपस में विक्षिप्त महिला कार की चपेट में आने से घायल हुई थी. यह बात जयति सिमलई के स्पष्टीकरण से भी स्पष्ट है. लेकिन गंभीर स्थिति में जब विक्षिप्त महिला को रिम्स ले जाया गया, तब वहां झूठ बोला गया. कह दिया गया कि महिला करंज के पेड़ से गिर गई थी. 14 अप्रैल को विक्षिप्त महिला की मौत हो गई. इसके बाद रिम्स ओपी की पुलिस ने रिनपास की नर्सिंग स्टाफ सिस्टर मुनुरेन बारला का बयान दर्ज किया. मुनुरेन बारला ने पुलिस को बताया कि विक्षिप्त महिला पेड़ से गिर गई थी. उसे रिम्स में लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
कार्रवाई करने के पहले निदेशक पद से हट गए
रिनपास के तत्कालीन निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन ने कहा कि दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने जयति सिमलई से स्पष्टीकरण मांगा था. उनका स्पष्टीकरण मिला भी. वह कार्रवाई करते, इसके पहले ही उन्हें निदेशक पद से हटा दिया गया. उनकी जगह जयति सिमलई को रिनपास का निदेशक बनाया गया. इसके बाद इस घटना से संबंधित दस्तावेज जयति सिमलई के पास ही रह गये. हालांकि डॉ. सुभाष दुर्घटना और स्पष्टीकरण का जवाब मिलने के दो माह तक निदेशक के पद पर ही थे. आज की तारीख में डॉ. सुभाष सोरेन रिनपास के ही दूसरे विभाग में पदस्थापित हैं.
फोन पर ये सब बात नहीं करेंगेः जयति सिमलई
जयति सिमलई ने कहा कि आपके पास जो जानकारी है, वह गलत है. फोन पर यह सब बात नहीं करेंगे. स्पष्टीकरण के बारे में बताने पर उन्होंने पूछा कि आपके पास दस्तावेज कहां से आये? जब उनसे कहा गया कि यह नहीं बता सकते कि दस्तावेज कहां से आये, तब उन्होंने कहा कि आपके पास फर्जी दस्तावेज हैं.